Edited By Anil dev,Updated: 19 Oct, 2018 10:50 AM
मी टू अभियान का शिकार हुए विदेश राज्यमंत्री एम.जे. अकबर ने इस्तीफा देने से पहले कैबिनेट मंत्री सुषमा स्वराज से मिलकर अपनी सफाई पेश की थी। लेकिन सुषमा उनकी सफाई से संतुष्ट नहीं दिखी। उसके बाद पीएमओ ने दखल दिया और अकबर को अपना पद छोडऩा पड़ा।
नई दिल्ली(नवोदय टाइम्स): मी टू अभियान का शिकार हुए विदेश राज्यमंत्री एम.जे. अकबर ने इस्तीफा देने से पहले कैबिनेट मंत्री सुषमा स्वराज से मिलकर अपनी सफाई पेश की थी। लेकिन सुषमा उनकी सफाई से संतुष्ट नहीं दिखी। उसके बाद पीएमओ ने दखल दिया और अकबर को अपना पद छोडऩा पड़ा। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रहा है। यह केवल चर्चा है। विदेश मंत्रालय ने सुषमा और अकबर की मुलाकात से अनभिज्ञता जताई है।
दर्जन भर महिलाओं ने लगाया था अकबर पर यौन उत्पीडऩ का आरोप
सूत्रों की मानें तो मी टू अभियान के तहत दर्जन भर महिलाओं द्वारा अकबर पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाए जाने के बाद भाजपा के महिला मंत्रियों ने ही सबसे पहले सख्त रुख अपनाया। स्मृति ईरानी ने तो खुल कर कहा कि जिस पर आरोप लगे हैं, वही अपनी सफाई देंगे। मालूम हो कि जिस वक्त अकबर के खिलाफ यौन उत्पीडऩ के आरोप लगे उस वक्त वह अफ्रीका के दौरे पर थे। चर्चा है कि उनके विदेश से लौटते ही सुषमा स्वराज ने उन्हें तलब किया। पूरे मामले पर उनकी सफाई मांगी, लेकिन सुषमा उनकी सफाई से संतुष्ट नहीं हुईं। हालांकि विदेश दौरे से लौटने के बाद अकबर ने बतौर विदेश राज्य मंत्री सोमवार और मंगलवार को आधिकारिक बैठकों में हिस्सा भी लिया।
विकृत मानसिकता वाले लोगों ने शुरू की मुहिम
केंद्रीय मंत्री पॉन राधाकृष्णन ने देश में चल रही ‘मी टू’ मुहिम के बीच एक एक बयान जारी कर सनसनी फैला दी है। राधाकृष्णन ने कहा कि ‘विकृत मानसिकता वाले लोगों’ ने ‘मी टू’ मुहिम शुरू की है। उन्होंने यह सवाल भी किया कि सालों पहले हुई घटनाओं पर अब आरोप लगाना कहां तक उचित है? भाजपा नेता ने बुधवार को पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में यह बयान दिया। केंद्रीय जहाजरानी एवं वित्त राज्य मंत्री राधाकृष्णन ने कहा, ‘‘यदि कोई आरोप लगाता है कि ऐसी चीज हुई, जब घटना हुई उस वक्त हम 5वीं कक्षा में एक साथ खेल रहे थे तो क्या यह उचित होगा?’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह (मी टू मुहिम) विकृत मानसिकता वाले कुछ लोगों के बर्ताव का नतीजा है।