#MeToo: एमजे अकबर के पक्ष में उतरे कई नेता, कहा- मिले सफाई का मौका

Edited By Yaspal,Updated: 11 Oct, 2018 08:04 PM

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विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर का नाम #MeToo के तहत आने के बाद और विपक्ष की ओर से उनका इस्तीफा मांगे जाने के बाद कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी और शिवसेना सांसद संजय राउत समेत कई नेता अकबर के बचाव में ...

नेशनल डेस्कः विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर का नाम #MeToo के तहत आने के बाद और विपक्ष की ओर से उनका इस्तीफा मांगे जाने के बाद कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी और शिवसेना सांसद संजय राउत समेत कई नेता अकबर के बचाव में उतर आए हैं। ईरानी ने कहा कि वो किसी की ओर से नहीं बोल रही हैं, लेकिन इस मामले से जुड़े व्यक्ति को अपनी बात रखनी चाहिए। वहीं संजय राउत ने कहा कि 10 से 20 साल बाद जो बात सामने आ रही है, उसमें संबंधित व्यक्ति का बयान लिया जाना चाहिए।

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स्मृति ईरानी ने कहा कि ‘‘मी टू अभियान’’ के तेज होने पर कुछ महिला पत्रकार भी सामने आयीं और उन्होंने विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर पर दो अखबारों में उनके संपादक रहने के दौरान यौन उत्पीडऩ करने का आरोप लगाया। अकबर के खिलाफ आरोपों के संबंध में पूछे जाने पर केंद्रीय कपड़ा मंत्री ने कहा, ‘‘बेहतर होगा कि संबंधित सज्जन इस मुद्दे पर बोलें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात की प्रशंसा करती हूं कि मीडिया अपनी (पूर्व) महिला सहयोगियों का साथ दे रहा है लेकिन मेरा मानना है कि संबंधित सज्जन को बयान देना है न कि मुझे क्योंकि मैं व्यक्तिगत रुप से वहां नहीं थी।’’

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वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत ने शिकायतों पर सवाल उठाते हुए कहा कि 10-20 साल बाद शिकायत करना ठीक नहीं है, उन्होंने शेक्सपियर के सेंटेंस “जस्ट यू टू” को संबद्ध करते हुए कहा कि वो हिंदूस्तान में #MeToo हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि इसमें कितने लोग बलि चढ़ेंगे, इस पर कई कुछ नहीं कह सकता, चाहे राजनीति हो या साहित्य या बॉलीवुड हो या पत्रकारिता, जो भी हो रहा है, महिलाओं की रक्षा होनी चाहिए। हमारा धर्म हमारा संस्कार है।

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बता दें कि विपक्ष के इस्तीफे की मांग के बाद सरकार पर लगातार एमजे अकबर पर फैसला लेना का दबाव बढ़ गया है, जो भी फैसला लेना है, सरकार को लेना है और आखिरी फैसला प्रधानमंत्री मोदी को करना है। इससे पहले #MeToo मामले पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले और उत्तर प्रदेश की पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने भी एमजे अकबर का समर्थन किया।

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रिपबल्कन पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अठावने ने #MeToo कैंपेन का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि 10-15 साल बाद आरोप लगाने का क्या आशय है, अठावले ने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए। अकबर का भी पक्ष सुना जाना चाहिए और इसकी जांच होनी चाहिए। अठावले ने कहा कि महिलाओं ने अपनी बात रख दी है और पुरुषों को भी अपना पक्ष रखने का हक है।

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गौरतलब है कि बीजेपी सांसद उदित राज ने सबसे पहले #MeToo विरोध किया। उन्होंने कहा था कि किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है ? इतने सालों बाद ऐसे मामले की सत्यता की जांच कैसे हो सकेगा? जिस व्यक्ति पर झूठा आरोप लगा दिया जाएगा उसकी छवि का कितना बड़ा नुकशान होगा ये सोचने वाली बात है।गलत प्रथा की शुरुआत है।

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उत्तर-पश्चिम दिल्ली से सांसद उदित राज ने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि पूरा महिला समाज डरा सहमा हुआ है। पूरा परफैक्ट है, उनमें कोई गलती नहीं है। उन्होंने कहा कि हनीट्रैप में महिलाएं नहीं हैं। आपके कहने का मतलब है कि सारे पुरुष गलत हैं और सभी महिलाएं सही। सांसद ने कहा कि समाज में सभी तरह के लोग हैं, यह कह देना कि एक औरत कैसे झूठ बोल सकती है। लिविंग रिलेशनशिप वाले हजारों केस आ रहे हैं।उदित राज ने कहा था, “जिस पर आरोप लगाए गए हैं, इसे उस व्यक्ति की छवि खराब करने के रूप में भी देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि मान लीजिए कि नाना पाटेकर ने इस मामले को टोलरेट कर लिया, ऐसे में उनकी प्रतिष्ठा तो गई। वह खत्म हो गए और इसी तरह का कुछ एमजे अकबर के साथ भी है।

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