Edited By Murari Sharan,Updated: 10 May, 2020 11:36 AM
देशव्यापी लॉकडाउन के बीच हताश प्रवासी मजदूर एक बार फिर अपने घरों के लिए पैदल निकल पड़े हैं। एनएच-9 पर इन लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है...
नई दिल्ली/डेस्क। लॉकडाउन (Lockdown) की मार झेल रहे प्रवासी मजदूर (Migrant Worker) एक बार फिर दिल्ली से अपने गांवों को जाने के लिए पैदल निकल पड़े हैं। एक साथ सैकड़ों की संख्या में ये मजदूर NH-9 पर चलते हुए उत्तर प्रदेश और बिहार के जिलो में स्थित अपने घर जाने के लिए निकले हैं। वहीं गाजियाबाद (Ghaziabad) पुलिस ने इन्हें रोक लिया है।
इनका कहना है कि हमारे पास अब घर का किराया देने और खाना खाने के पैसे नहीं बचे हैं। हम किसी भी तरह से अपने घर पहुंचना चाहते हैं। हमारे लिए किसी भी ट्रेन या बस की व्यवस्था सरकार की ओर से नहीं की गई है। हालांकि 07 मई से दिल्ली सरकार ने प्रवासी मजदूरों को उनके घर वापस भेजने का काम शुरू कर दिया है।
1200 प्रवासी मजदूर पहुंचे अपने घर
दिल्ली से पहली स्पेशल ट्रेन 7 मई को प्रवासी मजदूरों को लेकर मध्यप्रदेश के लिए रवाना हुई थी। अधिकारी ने बताया, 'दिल्ली (Delhi) के आश्रय गृहों में रह रहे मध्य प्रदेश के करीब 1,200 प्रवासी मजदूरों को लेकर यह ट्रेन उनके गृह राज्य रवाना किया गया। वहीं ट्रेन का खर्च भी केजरीवाल सरकार उठा रही है। इस बात का प्रमाण देते हुए आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने रेलवे को दिल्ली सरकार की ओर से दिया गया चेक अपने ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया था।
1 मई को केंद्र दी थी स्पेशल ट्रेन चलाने की मंजूरी
दिल्ली में फंसे बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजने के लिए दिल्ली सरकार इन दोनों राज्यों की सरकार से भी बातचीत कर रही है। बता दें कि लॉकडाउन में अलग-अलग क्षेत्रों में फंसे प्रवासी मजदूरों, कामगारों, श्रमिकों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य लोगों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए 1 मई से केंद्र सरकार ने विशेष स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला लिया है।