कश्मीर में पुलिसकर्मियों पर बढ़ते आतंकी हमले, घर जाने से भी परहेज कर रहे हैं कर्मी

Edited By Monika Jamwal,Updated: 30 Oct, 2018 06:34 PM

militant attack increase on police cops fear among families

घाटी खासतौर से दक्षिण कश्मीर में आतंकियों की दहशत से ज्यादातर पुलिसवालों के परिवार डरे हुए हैं। उन्हें डर है कि कहीं छुट्टी पर आते-आते वह आतंकियों के हाथों न मारे जाए।

श्रीनगर : घाटी खासतौर से दक्षिण कश्मीर में आतंकियों की दहशत से ज्यादातर पुलिसवालों के परिवार डरे हुए हैं। उन्हें डर है कि कहीं छुट्टी पर आते-आते वह आतंकियों के हाथों न मारे जाए। जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों के लिए छुट्टियों पर घर लौटना जानलेवा साबित हो रहा है। आतंकी खासकर श्रीनगर के विभिन्न इलाकों से आने वाले जवानों को लगातार निशाना बना रहे हैं। छुट्टियों पर घर लौटने वाले जवान आसानी से उनके टारगेट बन जा रहे हैं। इस साल आतंकी हमले में अबतक 40 जवान शहीद हो चुके हैं। यह संख्या 2017 की तुलना में दोगुनी है। हालात ऐसे हैं कि जवान डर की वजह से घर तक नहीं जा रहे हैं। रविवार को सब.इंस्पेक्टर इम्तियाज अहमद मीर का नाम इन 40 शहीदों की सूची में नया जुड़ गया है। 

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श्रीनगर में तैनात एक पुलिस ऑफिसर ने बताया कि वह ईद-उल-फितर में अपने घर पुलवामा गया था। अधिकारी के मुताबिक 4 हथियारबंद आतंकी मेरे घर आए और घरवालों से कहा कि वह मुझे उनसे मिलने को कहें। सौभाग्य से मैं नजदीक के गांव में अपने दोस्त के पास गया था। मैं तुरंत बस से श्रीनगर लौट आया और तबसे घर नहीं गया हूं। मुझे अपने परिवार की चिंता है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान लगातार कठिन परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं, लेकिन उनके साथियों पर हालिया हमलों ने उनके मनोबल को तोडऩे का काम किया है। उनके बीच डर फैल गया है। अब वे घर जाने से भी परहेज करने लगे हैं। इनमें से कुछ जवानों ने कहा कि वे आतंकियों के आसान निशाना बन गए हैं।

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दक्षिण कश्मीर के जिलों जैसे अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां के रहने वाले पुलिस जवानों पर आतंकियों ने सबसे अधिक हमला किया है। ऐसे इसलिए क्योंकि उनके बारे में आतंकी संगठनों के पास पूरी जानकारी मौजूद है। ऐसे में उन्हें और उनके परिवारवालों को ज्यादा खतरे से गुजरना पड़ रहा है। पुलिस विभाग के एक क्लर्क ने नाम छिपाने की शर्त पर बताया कि मैं दक्षिण कश्मीर जिले का रहना वाला हूं और यहां एसपी ऑफिस में पोस्टेड हूं। मेरे जैसे जवानों पर खतरा ज्यादा है क्योंकि हमारी सारी जानकारी आतंकी संगठनों के पास है। इस पुलिस जवान ने अपने होम टाउन में ट्रांसफर की मांग की है। 

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हालांकि दक्षिण कश्मीर के सारे जवान तो ऐसी मांग कर ही नहीं सकते। इस साल बकरीद की शाम दक्षिण कश्मीर में इंस्पेक्टर मोहम्मद अशरफ  डार को उनकी पत्नी और बेटी के सामने मौत के घाट उतार दिया गया। इसी दिन कुलगाम में कॉन्स्टेबल फैयाज अहमद शाह को आतंकियों ने तब मार डाला जब वह अपनी तीन साल की बेटी के लिए गिफ्ट खरीदने जा रहे थे। यह सिलसिला थमा नहीं और इसी दिन कॉन्स्टेबल मोहम्मद याकूब शाह को तब मारा गया जब वह अपने काम के सिलसिले में पुलवामा पुलिस लाइन में जा रहे थे।  

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