Edited By ,Updated: 30 Oct, 2016 08:49 AM
चीन और पाकिस्तान को मोदी सरकार टक्कर देने की तैयारी कर रही है। अगर सब कुछ सही रहा तो जल्द ही भारत अब तक की सबसे बड़ी मिलिट्री एयरक्रॉफ्ट डील कर सकता है।
नई दिल्ली: चीन और पाकिस्तान को मोदी सरकार टक्कर देने की तैयारी कर रही है। अगर सब कुछ सही रहा तो जल्द ही भारत अब तक की सबसे बड़ी मिलिट्री एयरक्रॉफ्ट डील कर सकता है। भारत ने विदेशी निर्माताओं के सामने बड़ी संख्या में वायुसेना के लड़ाकू विमानों की खरीद की पेशकश की है लेकिन शर्त यह है कि निर्माताओं को ये विमान भारत में ही लोकल पार्टनर के साथ मिलकर बनाने होंगे।
भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के मुताबिक 200 सिंगल इंजन प्लेन के भारत में निर्माण की डील की कोशिश की जा रही है। इन लड़ाकू विमानों की संख्या 300 तक भी हो सकती है क्योंकि वायुसेना सोवियत संघ के जमाने के पुराने लड़ाकू विमानों की जगह नए विमान चाहती है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस पर 13 से 15 अरब डॉलर का खर्च आ सकता है। स्वीडन की कम्पनी साब इस डील में दिलचस्पी दिखा रही है। साब ने कहा है कि वह भारत में न सिर्फ ग्रिपेन फाइटर के उत्पादन के लिए राजी है बल्कि यहां की एविएशन इंडस्ट्री को भी मजबूत करने में मदद करेगी।