Edited By Tanuja,Updated: 03 Aug, 2021 04:37 PM
सेटेलाइट तस्वीरों से चीन के नए खतरनाक परमाणु मिसाइल साईलो प्रोजैक्ट का पर्दाफाश हुआ है । इस प्रोजैक्ट के तहत चीन अपने उत्तर-पश्चिमी प्रांत यूमेन ...
बीजिंगः सेटेलाइट तस्वीरों से चीन के नए खतरनाक परमाणु मिसाइल साईलो प्रोजैक्ट का पर्दाफाश हुआ है । इस प्रोजैक्ट के तहत चीन अपने उत्तर-पश्चिमी प्रांत यूमेन के करीब रेगिस्तान में 110 से ज्यादा अंडरग्राउंड ठिकाने बना रहा है। मानवता के खिलाफ चीन का यह एक खतरनाक प्रोजेक्ट है। मिसाइल साइलो चीन की "शीत युद्ध मानसिकता" को दर्शाता है। बीजिंग से करीब 2000 किलोमीटर पश्चिम में मौजूद इस बंजर रेगिस्तान को चीन सरकार इन दिनों जगह-जगह खोद रही है। ऐसे ठिकाने को साइलो और ऐसे ठिकानों से भरे पूरे इलाके को साइलो फील्ड कहा जा रहा है। इनसे ऐसी बैलिस्टिक मिसाइलें दागी जा सकती हैं जिनकी मारक दूरी 5,500 किमी से ज्यादा होगी। इसका खुलासा कॉमर्शियल सैटेलाइट्स से ली गई तस्वीरों से हुआ है।
कुछ हफ्ते पहले भी इसी तरह के एक और इलाके का पता चला था। उसमें भी परमाणु मिसाइलों को लॉन्च करने के लिए 100 से ज्यादा साइलोज बनाए जाने का खुलासा हुआ था। यह इलाका यूमेन से करीब 500 किलोमीटर दूर रेगिस्तान के हामी इलाके में है। सैटेलाइट की इन तस्वीरों से ही हामी से कुछ दूर चीन के एक लेजर गन के ठिकाने का भी पता चला है। इनका इस्तेमाल दूसरे देशों के सैटेलाइट मार गिराने में किया जाएगा। हैरान करने वाली बात ये है कि इन 210 से ज्यादा साइलोज से दागी जाने वाली ICBMs की चपेट में भारत समेत पूरी दुनिया आ सकती है।
सैटेलाइट से मिली तस्वीरों में स्पष्ट तौर पर ढेर सारे साइलो दिख रहे हैं। साइलो एक लंबा, गहरा और सिलेंडर जैसा गड्ढा होता है, जिसके अंदर अंतरमहाद्वीपीय परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलों को रखा जाता है। जरूरत पड़ने पर इस साइलो का ढक्कन खोलकर यहीं से मिसाइल को लॉन्च कर दिया जाता है। चीन के परमाणु हथियार कार्यक्रम में यह सबसे बड़ा ऐतिहासिक कदम बताया जा रहा है। व्यावसायिक सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों के आधार पर रक्षा विशेषज्ञों ने कहा है कि चीन अपने देश के अंदर 119 अंतरमहाद्वीपीय परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल (Intercontinental Nuclear Ballistic Missile - ICBM) के साइलो बना रहा है। ये मिसाइलें अमेरिका तक मार करने की क्षमता रखती हैं। हालांकि किसी को यह नहीं पता है कि इन साइलों में मिसाइल हैं या नहीं। अगर मिसाइल हैं भी तो क्या उनके ऊपर परमाणु हथियार लगे हैं या नहीं।
हाल ही में तलाशा गया यह साइलो फील्ड चीन के झिंजियांग क्षेत्र के पूर्वी हिस्से में है। पिछले हफ्ते द फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट ने 'प्लैनेट लैब्स सैटेलाइट्स' की तस्वीरों के जरिए इसकी पहचान की। फेडरेशन ने ये तस्वीरें न्यूयॉर्क टाइम्स से भी शेयर की हैं। एक्सपर्ट्स ग्रुप का कहना है कि सैटेलाइट तस्वीरों में परमाणु मिसाइलों के सैकड़ों लॉन्च ठिकानों का पता लगना कोई इत्तेफाक नहीं है। दरअसल, यह साइलोज बनाए ही इसलिए गए हैं ताकि दुनिया को दिख जाएं। दरअसल, आर्थिक और तकनीकी महाशक्ति बनने की महत्वाकांक्षा के चलते चीन अपने परमाणु हथियारों का जखीरा अमेरिका और रूस जितना बढ़ा कर उनकी नुमाइश करना चाहता है।