Edited By Seema Sharma,Updated: 20 Mar, 2019 04:27 PM
इस साल लोकसभा चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाले हैं। एक जहां पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ पूरा महागठबंधन खड़ा है तो वहीं दूसरी तरफ 131 सुरक्षित सीटों पर जबरदस्त मुकाबला होने की उम्मीद है।
नेशनल डेस्कः इस साल लोकसभा चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाले हैं। एक जहां पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ पूरा महागठबंधन खड़ा है तो वहीं दूसरी तरफ 131 सुरक्षित सीटों पर जबरदस्त मुकाबला होने की उम्मीद है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 131 में से आधे से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की थी लेकिन इस बार यूपी में सपा-बसपा साथ-साथ हैं ऐसे में भाजपा के सामने 2014 जैसे प्रदर्शन दोहराना एक चुनौती होगी।
131 सुरक्षित सीटों का समीकरण
इन 131 सुरक्षित सीटों में से 84 अनुसूचित जाति (एससी) और 47 अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए हैं। साल 2014 में भाजपा ने इन सभी सुरक्षित सीटों में से 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इनमें 40 उम्मीदवार एससी और 27 एसटी थे। भाजपा के साथ ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) 12, कांग्रेस 12, एआईएडीएमके 7, बीजेडी 7 और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) भी 4 सुरक्षित सीटों पर चुनाव जीतने में सफल रही थी।AIADMK की सभी सात सीटें एससी कैटेगरी की थीं जबकि टीएमसी 2, कांग्रेस-5, बीजेडी-4 और टीआरएस-2 की जीती गई थी। एलजेपी और टीडीपी ने 3-3 सुरक्षित सीटों पर जीत हासिल की थीं और अन्य ने 13 सीटों पर कब्जा किया था।
यूपी, पश्चिम बंगाल सबसे ज्यादा सुरक्षित सीटें
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 17 सुरक्षित सीटें हैं तो वहीं पश्चिम बंगाल की 12 और मध्य प्रदेश में 10 सीटें सुरक्षित हैं। यूपी में सुरक्षित सीटों की संख्या राज्य की कुल सीटों के 21 फीसदी है जबकि पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश में यह प्रतिशत क्रमशः 28.6 और 34.5 फीसदी है। ओडिशा में 8 सुरक्षित सीटें हैं जो राज्य की कुल सीटों का 38.1 फीसदी हैं। झारखंड में 6 सीटें सुरक्षित कोटे से हैं। यह कुल सीटों का 42.9 फीसदी है। छत्तीसगढ़ में भी 5 सुरक्षित सीटें हैं जो प्रदेश की कुल सीटों का 45.5 फीसदी है।
इन राज्यों की भी 100 फीसदी सीटें सुरक्षित
मेघालय, दादरा एवं नगर हवेली, लक्षद्वीप और मिजोरम की सभी 100 फीसदी सीटें सुरक्षित हैं। मेघालय में कुल दो लोकसभा सीटें हैं जबकि दादरा एवं नगर हवेली, लक्षद्वीप और मिजोरम में एक-एक लोकसभा सीट है। बिहार की 40 में से 6 सीटें ही सुरक्षित हैं जिसका कुल सीट प्रतिशत 15 फीसदी है। वहीं महाराष्ट्र में कुल सीटों का महज 18.8 फीसदी (9 सीट) सीटें ही सुरक्षित हैं। 2014 में मोदी का जादू सिर चढ़कर बोला था, इस बार वो मैजिक बरकरार रहेगा कि नहीं यह 23 मई के बाद पता चल जाएगा।