Edited By shukdev,Updated: 11 Mar, 2020 10:10 PM
मिजोरम सरकार ने राज्य में रह रहे विदेशियों का पता लगाने के लिए एक बड़ी मुहिम शुरू की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि राज्य सरकार ने फरवरी की शुरुआत में यह मुहिम शुरू की जिसके तहत पड़ोसी देश बांग्लादेश से आए प्रवासियों द्वारा कथित रूप से...
आइजोल: मिजोरम सरकार ने राज्य में रह रहे विदेशियों का पता लगाने के लिए एक बड़ी मुहिम शुरू की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि राज्य सरकार ने फरवरी की शुरुआत में यह मुहिम शुरू की जिसके तहत पड़ोसी देश बांग्लादेश से आए प्रवासियों द्वारा कथित रूप से बसाए गए अनधिकृत गांवों की पहचान की जा रही है। राज्य विधानसभा ने राज्य में रह रहे विदेशियों की पहचान करने के लिए मिजोरम गृहस्थी रखरखाव पंजीकरण विधेयक 2019 पारित किया था जिसके करीब एक साल बाद यह मुहिम शुरू की गई है। यह विधेयक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास मंजूरी के लिए लंबित है।
अधिकारी ने कहा कि राज्य का गृह विभाग और स्थानीय प्रशासनिक विभाग (एलएडी) यह मुहिम चला रहा है। एलएडी सचिव रोडनी राल्टे ने बताया कि लुंगलेई, चंपई, ममित और सेरछिप जिलों में करीब 19 अनधिकृत गांव हैं जिन्हें बांग्लादेशी प्रवासियों ने कथित रूप से स्थापित किया। राल्टे ने बताया कि इन अनधिकृत गांवों में मुख्य रूप से चकमा और ब्रू समुदायों के लोग रहते हैं।
अधिकारी ने बताया कि जिला उपायुक्त द्वारा चलाई जा रही इस मुहिम के तहत अधिकारी गांवों के निवासियों के नाम सूचीबद्ध कर रहे हैं, उनकी पहचान की पुष्टि कर रहे हैं और उनसे पूछ रहे हैं कि क्या उनके पास बस्तियां बसाने की अनुमति है या नहीं। अधिकारी ने साथ ही कहा कि इस प्रक्रिया का राष्ट्रीय नागरिक पंजी से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा,‘मिजोरम में एनआरसी के तहत कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई। राज्य सरकार केवल मौजूदा कानून के तहत अनधिकृत गांवों और विदेशियों की पहचान कर रही है।'