#MeT00: राजीव गांधी की वजह से सियासत में आए थे एम जे अकबर

Edited By vasudha,Updated: 18 Oct, 2018 11:58 AM

mj akbar cam in the politics state due to rajiv gandhi

यौन शोषण के आरोपों के चलते विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अकबर को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी राजनीति में लाए थे...

नेशनल डेस्क:  यौन शोषण के आरोपों के चलते विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अकबर को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी राजनीति में लाए थे। अकबर 1989 में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में पहली बार बिहार के किशनगंज से लोकसभा के लिए चुने गए थे और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के प्रवक्ता भी रहे थे। एक समय कांग्रेस के प्रवक्ता रहे अकबर 2002 के दंगों के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के भी जबरदस्त आलोचक रहे थे, लेकिन बाद में वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।
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अकबर ने 2014 में राज्य सभा सांसद बनकर राजनीति का सफर तय करते हुए 2016 में केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपनी जगह बना ली। उन्होंने राहुल गांधी को भारतीय राजनीति का बिगड़ैल बच्चा (स्पॉइल्ट चाइल्ड ऑफ इंडियन डेमोक्रेसी) करार देकर अपने आपको भारतीय जनता पार्टी की नजरों में काफी उठा लिया था। दरअसल, उस समय कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति हमलावर रूख अपनाए हुए थी और ऐसे में अकबर ने कांग्रेस पर जोरदार प्रहार करते हुए कहा था कि कुछ तो शर्म करो, एक तरफ तो हमारे पास एक ऐसे प्रधानमंत्री हैं, एक ऐसा व्यक्ति जो अपनी मां का दुलारा है और दूसरी तरफ (सोनिया गांधी) एक ऐसी माता है, जिसके अंधे पुत्र मोह ने पहले ही कांग्रेस पार्टी को नष्ट कर दिया है और अब देश को बर्बाद करने की कोशिश में है।

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अकबर के चर्चित उपन्यास 'ब्लड ब्रदर्स' में हिंदू-मुसमानों के बदलते संबंधों के साथ तीन पीढ़ियों की गाथा है। इसे उनका आत्मकथात्मक उपन्यास भी माना जाता है। इसमें उन्होंने एक जगह लिखा है कि बंगाल अपनी महिलाओं के जादू के लिए विख्यात हैं। यह भी विडंबना ही है कि एक राजनेता के तौर उनका करियर महिलाओं के आरोपों से प्रभावित हुआ है और मंत्री पद से उन्हें इस्तीफा देेना पड़ा। 

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इन महिलाओं का आरोप है कि जब अकबर 1992  में 'द एशियन एज' के संपादक थे तो उस वक्त उन्होंने उनके साथ यौन दुर्व्यवहार किया था। उन पर आरोप लगाने वाली महिलाओं की संख्या 20 के आसपास है। विभिन्न पत्रकार संगठनों ने उनके कानूनी नोटिस को जारी करने के दौरान 97 वकीलों की भारी भरकम फौज पर भी तंज कसा था। उन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं, जिसमें जवाहर लाल नेहरू की जीवनी 'द मेकिंग ऑफ इंडिया' और कश्मीर पर आधारित 'द सीज विदिन' चर्चित रही है। पाकिस्तान में पहचान के संकट और वर्ग संघर्ष पर आधारित उनकी पुस्तक 'टिंडरबॉक्स: द पास्ट एंड फ्यूचर ऑफ पाकिस्तान' जनवरी 2012 में प्रकाशित हुई है।

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