Edited By Monika Jamwal,Updated: 07 Dec, 2018 12:21 PM
गवर्नर सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग करने के बाद अब दूसरा बड़ा निर्णय लेते हुये एमएलए होस्टल से पूर्व विधायकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
श्रीनगर: गवर्नर सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग करने के बाद अब दूसरा बड़ा निर्णय लेते हुये एमएलए होस्टल से पूर्व विधायकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। यह निर्णय मुख्य सचिव बी वी सुब्रमण्यम की सलाह पर लिया गया। पूर्व विधायक और नेशनल कान्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता मोहम्मद अकबर लोन ने इस बात की पुष्टि की कि और निंदा भी की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल प्रशासन का निर्णय पूरी तरह से गैरकानूनी है।
राज्यपाल प्रशासन ने एमएलए होस्टस के कमरे मौजूदा कारपोरेटरों और काउंसलरों को जारी कर दिये हैं। नैकां इस बात का कड़ा विरोध कर रही है। पार्टी का कहना है कि एमएलए होस्टल विधायकों के लिए होता है न कि कारपोरेटरों के लिए। विधानसभा के सचिव ने इस बात की पुष्टि की है कि एमएलए होस्टल खाली करवा लिया गया है और सुरक्षा कारणों से सिर्फ 6-7 विधायकों को वहां रहने की अनुमति दी गई है। पीडीपी ने कहा है कि यह कदम निंदनीय है। पार्टी ने कहा कि वो इस मामले को हायर लेबल पर लेकर जाएगी।