Edited By shukdev,Updated: 10 Oct, 2019 11:11 PM
दिल्ली विधानसभा में विधायकों की उपस्थिति में 2016 की तुलना में 2019 में अच्छी खासी गिरावट आई है। एक गैर सरकारी संगठन की गुरुवार को जारी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। प्रजा फाउंडेशन की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार 2016 में दिल्ली विधानसभा में...
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में विधायकों की उपस्थिति में 2016 की तुलना में 2019 में अच्छी खासी गिरावट आई है। एक गैर सरकारी संगठन की गुरुवार को जारी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। प्रजा फाउंडेशन की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार 2016 में दिल्ली विधानसभा में विधायकों की उपस्थिति 92.4 प्रतिशत थी, जो 2019 में गिरकर 80.30 प्रतिशत रह गई। दिल्ली विभानसभा में आम आदमी पार्टी के 66 और भाजपा के चार विधायक हैं।
रिपोर्ट में यह कहा गया है कि दिल्ली की जनता की विधायकों तक पहुंच में भी गिरावट आई है जो 2016 की 64 प्रतिशत से गिरकर 2019 49.20 प्रतिशत पर आ गई है। रिपोर्ट के अनुसार, "जनता ने महसूस किया है कि विधायक उनके लिए कम उपलब्ध हो गए हैं। धारणा पर आधारित सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार विधायकों की उपलब्धता 2016 में 64 प्रतिशत थी जो 2019 में गिरकर 49.2 प्रतिशत पर आ गई।" सर्वेक्षण के अनुसार सबसे अधिक उपलब्ध रहने वाले शीर्ष तीन विधायक आम आदमी पार्टी के मोहिन्दर गोयल (73.83 प्रतिशत), भाजपा के जगदीश प्रधान (72.13 प्रतिशत) और एस के बग्गा (72.13 प्रतिशत) हैं।
प्रजा फाउंडेशन के निदेशक मिलिंद म्हास्के ने कहा कि यह रिपोर्ट सालभर में दायर आरटीआई आवेदनों और दिल्ली के 27,121 लोगों पर कराए गए सर्वे पर आधारित है। हालांकि आम आदमी पार्टी ने रिपोर्ट को नकारते हुए कहा कि प्रजा फाउंडेशन "भाजपा की ओर झुकाव रखने वाला" संगठन है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा,"कई वर्षों से हमारा मानना रहा है कि प्रजा फाउंडेशन भाजपा की ओर झुकाव रखने वाला संगठन है। उनके सर्वे पक्षपातपूर्ण और भाजपा के पक्षधर होते हैं। हम उनके किसी भी सर्वे में हिस्सा नहीं लेते।"