‘जल्द हो सकता है मोदी कैबिनेट का विस्तार’ : सिंधिया, सुशील मोदी और लॉकेट चटर्जी बन सकते हैं मंत्री

Edited By Pardeep,Updated: 19 Nov, 2020 05:13 AM

modi cabinet may soon expand

पिछले साल मई में दूसरी बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी जल्द ही कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। बिहार चुनाव और मध्य प्रदेश उप चुनाव के चलते कैबिनेट का विस्तार टला हुआ ...

नई दिल्ली/जालंधर(विशेष): पिछले साल मई में दूसरी बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी जल्द ही कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। बिहार चुनाव और मध्य प्रदेश उप चुनाव के चलते कैबिनेट का विस्तार टला हुआ था लेकिन अब जल्द ही कैबिनेट में नए चेहरे शामिल किए जाएंगे।मोदी कैबिनेट के दो मंत्रियों के इस्तीफे और दो मंत्रियों के निधन के बाद अब कैबिनेट विस्तार जरूरी हो गया था लेकिन बिहार चुनाव और राज्यों के उप चुनाव के चलते यह विस्तार नहीं हो पाया था।

अगले साल मई से पहले असम और पश्चिमबंगाल में विधानसभा के चुनाव होने हैं, लिहाजा उससे पहले इन दोनों राज्यों को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व देने के लिए अब जल्द कैबिनेट का विस्तार होगा। 15 दिसम्बर से 15 जनवरी तक पौष माह में शुभ कार्य वर्जित होने के कारण 15 दिसम्बर से पहले ही कैबिनेट विस्तार हो सकता है। 

2019 में दूसरी बार सत्ता में आने के बाद अब तक एक बार भी कैबिनेट का विस्तार नहीं हुआ है जबकि 2014 में सरकार के सत्ता में आने के 6 माह के भीतर ही कैबिनेट का विस्तार कर दिया गया था। लोकसभा में सांसदों की कुल संख्या के लिहाज से मोदी सरकार की कैबिनेट में अधिकतर 81 मंत्री हो सकते हैं लेकिन उन्होंने मई 2019 में 57 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी और अब उनकी कैबिनेट में 53 मंत्री ही शेष बचे हैं। इससे पहले भाजपा में संगठन विस्तार का इंतजार किया जा रहा था लेकिन अब संगठन विस्तार का काम हो चुका है, लिहाजा दीवाली भाजपा के कु छ नेताओं के लिए कैबिनेट मंत्री के पद का तोहफा लेकर आएगी। 

किन मंत्रियों के पद खाली हुए
5 सितम्बर को रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी का निधन हो गया था, फिर खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद कैबिनेट की एक और सीट खाली हो गई। इससे पूर्व कृषि कानूनों को मुद्दा बना कर भाजपा की सहयोगी रही अकाली दल ने अपने रास्ते अलग कर लिए थे और हरसिमरत कौर बादल ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले पिछले साल नवम्बर में शिवसेना द्वारा भाजपा के साथ रिश्ते तोडऩे के बाद केंद्रीय कैबिनेट में पार्टी के मंत्री अरविन्द सावंत ने इस्तीफा दे दिया था, उनके पास भारी उद्योग मंत्रालय था।

बिहार, असम, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश से बनेंगे मंत्री  
कैबिनेट में शामिल किया जाने वाला सबसे बड़ा चेहरा ज्योतिरादित्य सिंधिया का हो सकता है क्योंकि उनके कांग्रेस छोडऩे के बाद से ही केंद्र में उन्हें मंत्री बनाए जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं लेकिन मध्य प्रदेश में उप चुनाव के चलते उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया था हालांकि वह राज्यसभा सदस्य हैं। अब मध्य प्रदेश उप चुनाव के बाद उनके अधिकतर समर्थक नेता चुनाव जीत गए हैं, लिहाजा उन्हें अब कैबिनेट में शामिल किए जाने की संभावना है। 

कैबिनेट में शामिल होने वाला दूसरा चेहरा बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी का हो सकता है। उन्हें इस बार उप मुख्यमंत्री पद नहीं मिला है, लिहाजा उन्हें केंद्र की राजनीति में ला कर इसकी भरपाई की जा सकती है। इसके अलावा कैबिनेट विस्तार के समय अगले साल होने वाले असम और पश्चिम बंगाल के चुनाव को ध्यान में रखते हुए इन दोनों राज्यों को भी केंद्रीय कैबिनेट में प्रतिनिधित्व मिल सकता है। सियासी हलकों में बांग्ला फिल्मों की अभिनेत्री और हुगली से सांसद लाकेट चटर्जी को भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा है।

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