मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल 2 सितम्बर को!

Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Aug, 2017 09:16 AM

modi cabinet reshuffle on 2 september

अगर सब कुछ योजनाबद्ध ढंग से जारी रहा तो मोदी मंत्रिमंडल में अंतत: फेरबदल 2 सितम्बर को हो सकता है। यह स्पष्ट हो रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी 2 सितम्बर की रात को चीन और म्यांमार की यात्रा पर रवाना होने से पूर्व अपने मंत्रिमंडल में विस्तार और विभिन्न...

नई दिल्ली: अगर सब कुछ योजनाबद्ध ढंग से जारी रहा तो मोदी मंत्रिमंडल में अंतत: फेरबदल 2 सितम्बर को हो सकता है। यह स्पष्ट हो रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी 2 सितम्बर की रात को चीन और म्यांमार की यात्रा पर रवाना होने से पूर्व अपने मंत्रिमंडल में विस्तार और विभिन्न मंत्रियों के विभागों में बड़ा फेरबदल करेंगे। सभी की निगाहें वित्त मंत्री अरुण जेतली, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और रेल मंत्री सुरेश प्रभु पर टिकी हैं। अन्नाद्रमुक को शामिल नहीं किया जाएगा, जद (यू) को एक मंत्री पद मिल सकता है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 1 से 3 सितम्बर तक तिरुपति (हैदराबाद) के पवित्र शहर और गुजरात के साबरमती आश्रम की पहली तीर्थयात्रा पर जा रहे हैं। इसके बीच वह 2 सितम्बर की शाम को राजधानी लौट आएंगे और 3 सितम्बर को दोपहर बाद गुजरात रवाना हो जाएंगे।
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इस समय यही एक तिथि है जब फेरबदल 2 सितम्बर को देर शाम को हो सकता है। यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका कि रक्षा मंत्रालय किसको मिलेगा क्योंकि वित्त मंत्री अरुण जेतली ने यह पद छोडऩे की अपनी इच्छा व्यक्त की है। मनोहर पार्रिकर को गोवा का मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद यह मंत्रालय जेतली को दिया गया था। रेल मंत्री सुरेश प्रभु और पैट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान सहित कई नामों पर इस पद के लिए चर्चा की गई मगर विभिन्न कारणों से उनको कोई समर्थन नहीं मिला। अरुण जेतली से ईष्र्या रखने वाले कुछ नेता लॉबिंग कर रहे हैं कि उन्हें स्थायी रूप से रक्षा मंत्रालय दिया जाना चाहिए और कोयला एवं विद्युत मंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्री बनाया जाए।
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गोयल भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के करीबी विश्वासपात्र समझे जाते हैं और उन्होंने अपनी निपुणता भी साबित की है। न तो प्रधानमंत्री और न ही आर.एस.एस. नेतृत्व कोई बड़ा खतरा मोल लेना चाहता है। कहा जाता है कि जेतली अपने मंत्रालय में बहुत सफल रहे हैं और आम सहमति के जरिए उन्होंने कई बड़े सुधार किए हैं। ऐसी कानाफूसी है कि प्रधानमंत्री और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के बीच रिश्ते सुधर गए हैं। 3 वर्ष तक दरकिनार रहने के बाद नितिन को अब पदोन्नति मिल सकती है। एक विचार यह है कि नितिन को रेल मंत्रालय और सुरेश प्रभु को गंगा पुनरुत्थान मंत्रालय में भेजा जाए, यहां उमा भारती ने अपनी कारगुजारी से प्रधानमंत्री को निराश किया है। एक प्रस्ताव यह भी है कि गडकरी को सड़क परिवहन मंत्रालय में ही रखा जाए और उन्हें रेलवे का अतिरिक्त कार्यभार दिया जाए।
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देहाती विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को शहरी विकास मंत्रालय दिया जाए और जनता दल (यू) के आर.सी.पी. सिंह को नया देहाती विकास मंत्री बनाया जाए। कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूडी और कम से कम 6 अन्य मंत्री अपनी खराब कारगुजारी से मोदी के राडार पर हैं जिनमें एक कैबिनेट मंत्री भी शामिल है। विस्तार के इस चरण में अन्नाद्रमुक से किसी नेता को शामिल नहीं किया जाएगा और राकांपा को भी बाहर रखा जाएगा। ये पार्टियां राजग को बाहर से समर्थन देने वाली हैं और उन्हें उचित समय पर मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है। प्रधानमंत्री अन्नाद्रमुक को शामिल करने के इच्छुक नहीं क्योंकि उसके नेताओं के ठिकानों पर सी.बी.आई., ई.डी. और आयकर द्वारा छापे मारे गए हैं।

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