विवादों में ही घिरे रहे मोदी के ये सिपहसालार

Edited By ,Updated: 25 May, 2016 12:19 PM

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पार्टी विद डिफरेंस का नारा देने वाली भाजपा के नेताओं व मंत्रियों ने अपने विवादित बयानों व कारनामों से सरकार की जमकर...

नई दिल्ली : पार्टी विद डिफरेंस का नारा देने वाली भाजपा के नेताओं व मंत्रियों ने अपने विवादित बयानों व कारनामों से सरकार की जमकर किरकिरी करवाई है। इसे लेकर सरकार की चुप्पी पर प्रधानमंत्री पर भी सवाल खड़े किए गए और संसद में जमकर हंगामा भी हुआ। फिर इन मंत्रियों के विवादित बोल जारी रहे। तो आइए जानते हैं मोदी सरकार के मंत्रियों से जुड़े बयान व विवाद, जिन्होंने सरकार को बैकफुट पर धकेल दिया.....
 
स्मृति ईरानी 
पहली बार सीधे शिक्षण संस्थानों से जुड़े विवाद में मंत्री का नाम
सबसे अधिक विवादों में रहीं मोदी सरकार की मंत्री। कभी खुद के डिग्री विवाद तो कभी शिक्षा के भगवाकरण किए जाने को लेकर। यूनिवर्सिटीज में ज्यादा दखल देने के भी आरोप। हैदराबाद यूनिवर्सिटी में रोहित वेमुला कांड में दबाव बनाने का आरोप। जेएनयू विवाद को लेकर भी इन पर खूब चले आरोपों के तीर। संसद में भाषणों को लेकर भी रहा विवाद। मायावती को कहा, बयान से संतुष्ट न हुईं तो सिर काटकर चरणों में रख दूंगी।
 
ललित मोदी की पत्नी की सिफारिश करना सुषमा को पड़ा महंगा
ब्रिटेन के अखबार संडे टाइस ने जून 2015 में खबर छापी थी कि भारत की विदेश मंत्री सुषमा ने ललित मोदी को पत्नी के इलाज के लिए डेनमार्क भेजने के लिए ब्रिटिश सांसद कीथ वाज से सिफारिश की थी। खपर छपते ही हंगामा मच गया। विपक्ष ने सुषमा स्वराज के इस्तीफे की मांग, संसद का कामकाज रोका। हालांकि, तीखे विरोध के बाद भी मोदी सरकार नहीं झुकी और सुषमा स्वराज पद पर बनी रहीं।
 
दलित बच्चों को जलाने पर जनरल वीके सिंह का असंवेदनशील बयान
42 साल फौज की सेवा करने के बाद राजनीति में कदम रखने वाले वीके सिंह ने बार-बार बयानों से अपनी ही पार्टी की सरकार को मुसीबत में डाला... हरियाणा में दलित बच्चों को जिंदा जलाए जाने पर यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि अगर कोई कुत्ते को पत्थर मार दे तो सरकार जिम्मेदार है? भोपाल में विश्व हिंदी समेलन में साहित्यकारों द्वारा समेलन पर उठाए जा रहे सवालों पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि कुछ लोगों को लग रहा है कि वे आते थे, आलेख पढ़ते थे, दारू पीते थे और चले जाते थे, जो इस बार नहीं है। जब वीके सिंह की टिप्पणी से विवाद बढ़ा और मीडिया में कवरेज भी तेज हुई तो कहा, दोस्तों, आप से और क्या उमीद कर सकते हैं। पाकिस्तान दिवस के कार्यक्रम में जाने पर ऐसे बयान दिए लगा कि सरकार की तरफ से मिली जिमेदारी को बेमन से निभाने वहां गए थे।
 
 
रामजादों या हरामजादों की सरकार... पर साध्वी निरंजन ज्योति ने करवाई किरकिरी
फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) से सांसद और केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में पश्चिमी दिल्ली के श्याम नगर में एक रैली को संबोधित करते हुए यूपी के फतेहपुर से भाजपा सांसद साध्वी ज्योति ने कहा, आपको तय करना है कि दिल्ली में सरकार रामजादों की बनेगी या हरामजादों की। बाद में एक न्यूज चैनल से बात करते हुए साध्वी ने अपने बयान से पीछे हटने से इनकार कर दिया। यही नहीं, कभी गोवध को लेकर तो कभी लव जेहाद पर अपने बयान को लेकर। यही नहीं, भारत की माता की जय बोलने को लेकर हुए विवाद में यह कर उन्होंने बखेड़ा खड़ा कर दिया कि भारत में रहना है तो भारत माता की जय कहना है। यही नहीं, पठानकोट हमले की जांच कर रहे एनआईए अफसर तंजील अहमद की हत्या पर पूछे गए एक सवाल पर उन्हें पाकिस्तानी बताकर विवाद खड़ा कर दिया। मीडिया में मामला उछलने के बाद उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ।
 
गिरिराज सिंह ने सोनिया गांधी पर की नस्लीय टिप्पणी, संसद में मांगी माफी
पहली बार केंद्र में मंत्री बने गिरिराज सिंह ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के विषय में नस्लीय टिप्पणी कर विवाद खड़ा कर दिया था। गिरिराज ने कहा था कि यदि सोनिया गांधी गोरी चमड़ी वाली नहीं होतीं तो क्या कांग्रेस उनके नेतृत्व को स्वीकार करती। गिरिराज यहीं नहीं रुके, कहा कि यदि राजीव गांधी ने किसी नाइजीरियाई महिला से शादी की होती और यदि वह गोरी नहीं होतीं, तो क्या कांग्रेस ने सोनिया के नेतृत्व को स्वीकार किया होता? बाद में उन्होंने संसद में माफी भी मांगी। इससे पहले गिरिराज सिंह ने आम आदमी पार्टी के संयोजक व पूर्व मुयमंत्री अरविंद केजरीवाल को मायावी राक्षस तक कह डाला।

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