ऑफ द रिकॉर्डः ‘मोदी सरकार 30 बैठकों में 33 बिल पारित करवाने के लिए दृढ़संकल्प’

Edited By Pardeep,Updated: 04 Feb, 2021 02:18 AM

modi government determined to get 33 bills passed in 30 sittings

मोदी सरकार संसद के बजट सत्र की 30 बैठकों में 33 विधेयक (बिल), जिसमें वित्तीय एजैंडा भी शामिल है, पारित करवाने के लिए संकल्पबद्ध है। पहले 2 दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण और स्थगनों में चले गए। प्रधानमंत्री मोदी ने संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी एवं...

नई दिल्लीः मोदी सरकार संसद के बजट सत्र की 30 बैठकों में 33 विधेयक (बिल), जिसमें वित्तीय एजैंडा भी शामिल है, पारित करवाने के लिए संकल्पबद्ध है। पहले 2 दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण और स्थगनों में चले गए। प्रधानमंत्री मोदी ने संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी एवं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, जो सी.सी.पी.ए. (संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी) के अध्यक्ष भी हैं, को स्पष्ट कर दिया है कि सदन में विपक्षी दलों का चाहे जितना हंगामा हो, लेकिन वे इन सभी 33 विधेयकों को पारित करवाना सुनिश्चित करें। 

सरकार यह कह रही है कि जब यू.पी.ए. सरकार सत्ता में थी तो उसने संविधान संशोधन बिल समेत 13 विधेयक हंगामे के बावजूद राज्यसभा में पारित करवाए थे। यह मुद्दा उस समय विवाद में आया जब पूर्व उपराष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी ने हाल ही में अपनी किताब में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एक दिन उनके चैंबर में आए और पूछा कि हंगामे के बीच राज्यसभा में विधेयक पारित क्यों नहीं हो सकता। अंसारी ने कहा कि वह ऐसा कैसे कर सकते हैं। 

अब भाजपा ने पूर्व उपराष्ट्रपति को याद दिलाया है कि यू.पी.ए. सरकार के समय में जब राज्यसभा में हंगामे के बीच विधेयक पारित किए गए थे, वह स्वयं अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान थे। सरकार ने यह तय किया है कि उसने जो एजैंडा बनाया हुआ है, उसे हर रुकावट के बावजूद पूरा किया जाना है। भाजपा व राजग के पास लोकसभा में भारी-भरकम बहुमत तो राज्यसभा में कामचलाऊ बहुमत है,दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों को भी यह स्पष्ट कर दिया गया है। 

33 विधेयकों में 4 विधेयक वे भी शामिल हैं जो अध्यादेशों की जगह लेंगे। ये विधेयक हैं जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग विधेयक, मध्यस्थता एवं सुलह (संशोधन) विधेयक तथा दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कानून (विशेष प्रावधान) विधेयक। सरकार ने यह संकेत भी दिए हैं कि जो संसद सदस्य सभापति के आसन तक आएंगे, उन्हें निलंबित किया जाएगा। सदन में किसी भी हालत में हंगामा नहीं होने दिया जाएगा।

सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि कृषि कानून 18 महीनों के लिए रोक दिए गए हैं और कृषिमंत्री नरेंद्र तोमर की अध्यक्षता में एक मंत्रालय समिति बना दी गई है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट भी कृषि कानूनों को देख रहा है तो ऐेसे में कृषि कानूनों का बहाना बनाकर संसद को बंधक नहीं बनाया जा सकता है। वैसे विगत का हिसाब देखा जाए तो 30 दिनों में 33 विधेयक पारित कराना बहुत बड़ा काम है।     

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