‘इकनॉमिक मैनेजमेंट' नहीं, ‘इवेंट मैनेजमेंट' कर रही है मोदी सरकार: कांग्रेस

Edited By Yaspal,Updated: 20 Sep, 2019 08:10 PM

modi government is doing  event management  not  economic management

कांग्रेस ने ‘कारपोरेट कर'' की दर कम किए जाने के सरकार के कदम पर सवाल खड़े करते हुए शुक्रवार को दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार ‘इकनॉमिकट मैनेजमेंट'' नहीं, बल्कि ‘इवेंट मैनेजमेंट'' कर रही है तथा अपने दूसरे कार्यकाल में देश के लिए

नई दिल्लीः कांग्रेस ने ‘कारपोरेट कर' की दर कम किए जाने के सरकार के कदम पर सवाल खड़े करते हुए शुक्रवार को दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार ‘इकनॉमिकट मैनेजमेंट' नहीं, बल्कि ‘इवेंट मैनेजमेंट' कर रही है तथा अपने दूसरे कार्यकाल में देश के लिए ‘आर्थिक एवं राजनीति विपत्ति' लेकर आई है।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि सरकार का यह कदम डगमगाते सेंसेक्स बाजार को संभालने के लिए है, जबकि इससे अर्थव्यवस्था मंदी की मार से बाहर नहीं निकलने वाली है क्योंकि मध्यम वर्ग और वेतनभोगी लोगों को कोई राहत नहीं दी गई है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था मंदी की मार से डूब रही है, नौकरियां जा रही हैं और फैक्टरियां बंद हो रही हैं। लेकिन सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि सबकुछ ठीक है।''

सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘दूसरे कार्यक्रम में मोदी सरकार राजनीतिक और आर्थिक विपत्ति लेकर आई है। वित्त मंत्री और उनके सहयोगियों के पास बीमार अर्थव्यवस्था के लिए न दवाई है और न कोई सुझाव है। यह सरकार एक कदम आगे और चार कदम पीछे चलती है।'' उन्होंने यह भी कहा, ‘‘मुझे खेद से कहना पड़ रहा है कि प्रधानमंत्री अर्थव्यवस्था को नौसिखयों की तरह चला रहे हैं।''

सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘कारपोरेट जगत को 1.45 लाख करोड़ रुपये की छूट दी गई है। यह सिर्फ डगमगाते सेंसेक्स को संभालने के लिए किया गया है।'' उन्होंने सवाल किया, ‘‘प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री बताएं कि 1.45 लाख करोड़ रुपये की भरपाई कहां से होगी? क्या मध्यम वर्ग, किसानों और छोटे कारोबरियों पर तरह तरह के कर लगाकर इसकी भरपाई की जाएगी? वित्तीय घाटा बढ़ेगा और उसको पूरा करने के लिए आपके पास क्या योजना है? महंगाई पर काबू पाने के लिए क्या उपाय है?''

सुरजेवाला ने यह भी पूछा कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री बजट की पूरी प्रक्रिया का मजाक क्यों बना रहे हैं? 45 दिनों के भीतर बजट की घोषणाओं को खारिज कर दिया, या फिर संशोधन कर दिया। संसदीय प्रणाली की ऐसी अहवेलना क्यों की गई? उन्होंने यह सवाल भी किया, ‘‘वेतनभोगी वर्ग और मध्यम वर्ग को कर रियायत से उपेक्षित क्यों रखा गया? छोटे कारोबारियों को राहत क्यों नहीं दी गई? क्या केवल कारपोरेट कर में राहत देने से मंदी दूर हो जाएगी?''

कांग्रेस नेता ने कहा कि इसलिए प्रधानमंत्री जी और वित्त मंत्री जी को यह जानना चाहिए कि देश की अर्थव्यवस्था चलती है ईमानदार सरकार के निर्णयों, और कुशल नेतृत्व से, जिसका इस सरकार में अभाव है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह सरकार इवेंट मैनेजमैंट करती है, आर्थिक मैनेजमेंट करती है। मंदी और तालाबंदी भाजपा का मूलमंत्र है। यह देश इवेंट मैनेजमेंट से नहीं, बल्कि इकनॉमिक मैनेजमेंट से चलेगा। यह बात जिस दिन प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री समझ जाएंगे उस दिन लोग मंदी और तालाबंदी से निजात पा लेंगे।''

 

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