अॉफ द रिकॉर्डः मोदी सरकार की विदेशी धन के लेन-देन पर कड़ी नजर

Edited By Pardeep,Updated: 06 Oct, 2019 09:18 AM

modi government keeps a close watch on foreign money transactions

अगर आप अपनी वैध आय से विदेश में बसे अपने परिवार के सदस्यों को 2.50 लाख डॉलर स्थानांतरित करना चाहते हैं तो इसे अब ही कर लें, कहीं इसमें विलम्ब न हो जाए। सरकार विदेशों में बसे आपके परिवारजनों व रिश्तेदारों को विदेशी धन के लेन-देन में उदारीकृत धन भेजने...

नेशनल डेस्क: अगर आप अपनी वैध आय से विदेश में बसे अपने परिवार के सदस्यों को 2.50 लाख डॉलर स्थानांतरित करना चाहते हैं तो इसे अब ही कर लें, कहीं इसमें विलम्ब न हो जाए। सरकार विदेशों में बसे आपके परिवारजनों व रिश्तेदारों को विदेशी धन के लेन-देन में उदारीकृत धन भेजने की योजना (एल.आर.एस.) और अन्य वैध नियमों को कसने पर विचार कर रही है। 

एक व्यक्ति बैंकों द्वारा किसी तरह का प्रश्र किए बिना विदेशों में बसे अपने परिवारजनों को 2.50 लाख डॉलर भेज सकता है लेकिन सी.बी.आई., ई.डी., डी.आर.आई. ने कहा है कि इस योजना का दुरुपयोग किया जा रहा है और बड़े पैमाने पर धन राशि बाहर भेजी जा रही है। जांच एजैंसियों ने पिछले दिनों वित्त मंत्रालय और आर.बी.आई. के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में इस असामान्य रुझान पर चिंता व्यक्त की। डी.आर.आई. और ई.डी. ने इस योजना की आड़ में थाईलैंड, दुबई, सिंगापुर और हांगकांग जैसे 4 देशों में भारी मात्रा में धन राशि विदेशों में भेजने की कार्रवाई पकड़ी। एल.आर.एस. के कथित दुरुपयोग के लिए विदेशी धन के लेन-देन का कारोबार करने वाले कई डीलरों पर नजर रखी गई। 

अनुमानों के अनुसार इन देशों में अकेले 2018 वर्ष के दौरान 20,000 से 30,000 करोड़ रुपए की भारतीय मुद्रा भेजी गई। इनमें से अकेले थाईलैंड ने ही 5,000 करोड़ रुपए की धनराशि प्राप्त की। नियामकों से बचने के लिए विदेशी धन के लेन-देन का कारोबार करने वाले व्यापारी एल.आर.एस. के तहत जाली कागजात बनाते हैं जिससे बहुत से खातों की पहचान को दबा दिया जाता है। एक सूत्र ने कहा, ‘‘हमने बहुत से नोटिस जारी किए जहां ऐसी अनियमितताएं पकड़ी गईं।’’ 

आर.बी.आई. के दिशा-निर्देशों के अनुसार विदेशों में बसे भारतीयों को मुख्य बैंक से किसी मंजूरी के बिना एल.आर.एस. के तहत प्रत्येक वित्त वर्ष में 2.50 लाख डॉलर की राशि भेजने की अनुमति है। सूत्रों ने कहा कि आर.बी.आई. नियमित रूप से उस समय स्पष्टीकरण मांगता है जब तकनीकी खामियां पकड़ी जाती हैं। उन लोगों पर जुर्माने लगाए जाते हैं। विदेशों में जमा की गई अघोषित संपत्ति के लिए ई.डी. ने विदेशी धनशोधन रोकथाम एक्ट (पी.एम.एल.ए.) के तहत बहुत से नोटिस जारी किए हैं। ये नोटिस एच.एस.बी.सी. स्विस सूची और पनामा पेपर सहित वैश्विक स्तर पर सूचनाएं लीक होने के बाद जारी किए गए। इनमें भारतीयों के नाम दिखाए गए हैं। एल.आर.एस. के जरिए निवेश से आय पर भारत में कर लगता है। 

अगर एक भारतीय कंपनी में समान रूप में धन का निवेश किया जाए तो एल.आर.एस. से कर को बचाया जा सकता है। जांच एजैंसियां अब विदेशों में प्रत्यक्ष निवेश (ओ.डी.आई.) के रूट पर भी नजर रख रही हैं जहां एक व्यक्ति जो फर्म में अकेला ही मालिक है, इस रूट से अपनी कुल संपत्ति से चार गुना अधिक राशि का लेन-देन कर सकता है।

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