Edited By Seema Sharma,Updated: 02 Dec, 2020 01:59 PM
विदेशों में बैठे भारतीय नागरिक ( NRI) भी अब भारत में होने वाले चुनावों में अहम भूमिका निभा सकेंगे। दरअसल भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission) विदेशों में रह रहे NRI को भारत में वोट डालने की सुविधा देने की तैयारी कर रहा है। भारत में हो रहे...
नेशनल डेस्क: विदेशों में बैठे भारतीय नागरिक ( NRI) भी अब भारत में होने वाले चुनावों में अहम भूमिका निभा सकेंगे। दरअसल भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission) विदेशों में रह रहे NRI को भारत में वोट डालने की सुविधा देने की तैयारी कर रहा है। भारत में हो रहे चुनावों में NRI की भागीदारी बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग उनको पोस्टल बैलट (Postal Ballot) की सुविधा देने की तैयारी में है। चुनाव आयोग ने इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भेज दिया है। अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूर कर लेती है तो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों (Assembly Elections 2021) में NRI भी वोट डाल सकेंगे। बता दें कि अगले साल पश्चिम बंगाल,केरल, तमिलनाडु, असम समेत इन राज्यों में चुनाव हो रहे हैं।
मेल के जरिए वोटिंग
NRI मतदाता इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट (ETPBS) के जरिए आने वाले चुनाव में वोट डाल सकेंगे। इस प्रस्ताव की जो सबसी बड़ी बात है वो यह कि NRI मेल के जरिए वोट डाल सकेंगे। ETPBS में चुनाव आयोग एक ईमेल के जरिए पोस्टल बैलट भेजता है। इस ईमेल के लिए वोटर को अलग से एक खास कोड भी दिया जाता है। कोड पोस्ट से भेजा जाता है, वैसे ही जैसे एटीएम के साथ एक पिन वाला लिफाफा आता है। उस कोड की मदद से वोटर उस ईमेल को खोल सकता है। ईमेल में मौजूद बैलट को वोटर डाउनलोड कर लेता है और मनचाहे कैंडिडेट पर मुहर लगाकर चुनाव आयोग के रिटर्निंग ऑफिसर के पास वापस भेज देता है। अगर प्रस्ताव पास हो गया तो सरकार की अनुमति के बिना NRI को विदेश से ही वोट देने की सुविधा मिलेगी। अभी NRI को अपने मतदान केंद्र पर ही मतदान करने की सुविधा है यानि कि वे विदेश में बैठकर वोट नहीं डाल सकते।
भारत में पोस्टल बैलेट का इतिहास
भारतीय चुनाव आयोग ने चुनाव नियामावली, 1961 के नियम 23 में संशोधन करके सीमा पर तैनात और नौकरी आदि के लिए अपने राज्यों से दूर रह रहे लोगों को चुनावों में पोस्टल बैलेट या डाक मत पत्र की सहायता से वोट डालने की सुविधा के लिए 21 अक्तूबर 2016 को नोटिफिकेशन जारी किया गया था। इसके बाद साल 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने अप्रवासी भारतीयों की प्रॉक्सी वोटिंग को मंजूरी दे दी थी। इससे सीमा पर तैनात सैनिकों को काफी सुविधा हुई थी। बता दें कि प्रॉक्सी वोटिंग वो होती है जिसमें कोई व्यक्ति अपनी जगह किसी और को नामित करता है। नामित किया हुआ शख्स दूसरे की जगह वोट डाल सकता है। वहीं अब सरकार NRI के लिए ETPBS सुविधा ला रही है जो सीधे मेल के जरिए विदेशों से वोट डाल सकेंगे।
भारत के चुनावों में अहम भूमिका निभाएंगे NRI
विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक विदेशों में एक करोड़, 34 लाख से ज्यादा भारतीय विदेशों में रहते हैं और इनमें से 60% से अधिक मतदाता हैं। सरकार अगर चुनाव आयोग के प्रस्ताव को मंजूर कर लेती है तो ये NRI विदेशों में बैठकर भी भारत के चुनावों में अहम भूमिका निभाएंगे। यहां आपको एक बात बता दें कि विदेशों में रह रहे उन्हीं भारतीयों को भारत में वोटिंग का अधिकार होगा जो वहां पक्के तौर पर नहीं रह रहे हैं। NRI के अलावा PIOs भी होते हैं यानि कि Persons of Indian Origin और इनको विदेशों में वहां की सिटिजनशिप मिली होती है और यह लोग भारत में मतदान के हकदार नहीं हैं। अनुमान के मुताबिक विदेशों में 1 करोड़ 86 लाख PIOs हैं और इनको भारत में मतदान का अधिकार नहीं है क्योंकि इनको वहां की सिटीजनशिप मिली हुई है।
इन राज्यों में साल 2021 में होंगे चुनाव
साल 2021 में पश्चिम बंगाल,केरल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2021) होने हैं। अगर चुनाव आयोग का प्रस्ताव लागू हो जाता है तो सरकार की अनुमति के बिना NRI को विदेश से ही वोट देने की सुविधा मिलेगी। अभी एनआरआई को अपने मतदान केंद्र पर ही मतदान करने की सुविधा है। बता दें कि जिन पांच राज्यों में अगले साल चुनाव हो रहा है, वहां के कई भारतीय विदेशों में रह रहे हैं। और अगले चुनाव में इन NRI की भागीदारी चुनाव के परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं। विदेश मंत्रालय की साल 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आय़ोग में कुल 99807 NRI रजिस्टर्ड हैं।
राज्य |
कुल रजिस्टर्ड NRI |
महिला |
पुरुष |
थर्ड जेंडर |
पश्चिम बंगाल |
34 |
10 |
24 |
o |
तेलंगाना |
1436 |
250 |
1186 |
0 |
तमिलनाडु |
916 |
159 |
757 |
0 |
असम |
0 |
0 |
0 |
0 |
केरल |
87651 |
5296 |
82341 |
14 |
पुडुचेरी |
272 |
28 |
244 |
0 |
पंजाब, गुजरात से बड़ी संख्या में भारतीय विदेशों में रहते हैं। अगर इनको वोट डालने की परमिशन मिल जाती है तो NRI वोटर्स नतीजे प्रभावित करने की भूमिका में आ जाएंगे।
राज्य |
कुल रजिस्टर्ड NRI |
महिला |
पुरुष |
पंजाब |
1523 |
363 |
1160 |
गुजरात |
463 |
102 |
361 |
इन देशों में सबसे ज्यादा भारतीय
दुनिया भर के कई ऐसे देश हैं जहां भारतीयों की संख्या काफी है। एक अनुमान के मुताबिक विदेशों में कुल 1,34,59,195 NRI रहते हैं। हालांकि यह आकड़ा सिर्फ NRI का है। अगर पूरे डाटा पर नजर मारे तो Persons of Indian Origin और NRI को मिलाकर दुनियाभर के अलग-अलग देशों में 3,2100,340 भारतीय रहते हैं।
देश |
NRI |
Persons of Indian Origin |
कुल भारतीय |
ऑस्ट्रेलिया |
241000 |
255000 |
496000 |
बांग्लादेश |
10385 |
6 |
10391 |
भूटान |
60000 |
0 |
60000 |
कनाडा |
178410 |
1510645 |
1689055 |
चीन |
55500 |
550 |
56050 |
फ्रांस |
19000 |
90000 |
109000 |
जर्मनी |
1,42,585 |
42500 |
1,85,085 |
ईरान |
4000 |
337 |
4337 |
इराक |
18000 |
7 |
18007 |
इटली |
157695 |
45357 |
203052 |
जापान |
37933 |
686 |
38619 |
कुवैत |
1028274 |
1587 |
1029861 |
मलेशिया |
227950 |
2760000 |
2987950 |
नेपाल |
600000 |
0 |
600000 |
न्यूजीलैंड |
80000 |
160000 |
240000 |
कतर |
745775 |
775 |
746550 |
सऊदी अरब (किंगडम) |
2592166 |
2781 |
2594947 |
श्रीलंका |
14000 |
1600000 |
1614000 |
UAE |
3419875 |
5269 |
3425144 |
UK |
351000 |
1413000 |
1764000 |
USA |
1280000 |
3180000 |
4460000 |
क्या है पोस्टल बैलेट?
पोस्टल बैलेट एक डाक मत पत्र होता है। यह 1980 के दशक में चलने वाले पेपर्स बैलेट पेपर की तरह ही होता है। यह सुविधा उन लोगों को मिलती है जो अपनी नौकरी के कारण अपने चुनाव क्षेत्र में वोट नहीं कर सकते, ऐसे में ये लोग पोस्टल बैलेट के जरिए अपने वोट डालते हैं। इसे Service voters या absentee voters भी कहा जाता है। साथ ही इसे Electronically Transmitted Postal Ballot System (ETPBS) भी कहा जाता है।
इनको मिली पोस्टल बैलेट की सुविधा
- सीमा पर तैनात सैनिक
- चुनाव ड्यूटी में तैनात कर्मचारी
- देश के बाहर कार्यरत सरकारी अधिकारी
- प्रिवेंटिव डिटेंशन में रहने वाले लोग (कैदियों को वोट डालने का अधिकार नहीं होता है)
- 80 साल से ज्यादा उम्र के वोटर ( इनको रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है)
- दिव्यांग व्यक्ति (रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है)