Edited By Pardeep,Updated: 27 Mar, 2021 06:29 AM
देश में इस समय इन अटकलबाजियों का दौर चल रहा है कि काले धन का प्रवाह रोकने के लिए प्रधानमंत्री 2,000 रुपए के नोट वापस लेने पर विचार कर रहे हैं। रिजर्व बैंक इस संबंध में पहले ही कह चुका है कि 2,000 रुपए के नोट बंद करने की कोई योजना नहीं है।वैसे, ऐसे...
नई दिल्लीः देश में इस समय इन अटकलबाजियों का दौर चल रहा है कि काले धन का प्रवाह रोकने के लिए प्रधानमंत्री 2,000 रुपए के नोट वापस लेने पर विचार कर रहे हैं। रिजर्व बैंक इस संबंध में पहले ही कह चुका है कि 2,000 रुपए के नोट बंद करने की कोई योजना नहीं है।वैसे, ऐसे संवेदनशील मामलों में रिजर्व बैंक को राजनीतिक फैसले का पता रहता है तथा बाजार नियामक होने की हैसियत से उसे ही उन फैसलों को लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। सरकार ने पिछले वर्ष इस संबंध में इतना ही कहा था कि वह 2,000 रुपए के नोट अब और नहीं छापेगी।
यह फैसला रिजर्व बैंक ने नहीं, सरकार ने लिया था क्योंकि प्रधानमंत्री को संदेह है कि बड़े मूल्य वाले इस रुपए का इस्तेमाल धनशोधन (मनी लांड्रिंग), कर चोरी तथा जमाखोरी में हो रहा है। तब से लेकर इस मुद्दे पर सरकार मौन है। पर एक बात तो तय है कि जिन लोगों के पास इन बड़े नोटों के ढेर लगे हुए हैं, उनके माथे पर चिंता की लकीरें जरूर बन गई हैं। अब 2,000 रुपए के नोटों को लेकर सरकार की रणनीति का संकेत मिलने लगा है।
रिजर्व बैंक 2,000 के नोटों पर रोक लगाने के बजाय बाजार से धीरे-धीरे इन नोटों को वापस ले रहा है। नवीनतम आंकड़े के अनुसार 30 मार्च 2018 को 2,000 रुपए के कुल 3,362 मिलियन नोट बाजार में मौजूद थे जिनकी संख्या फरवरी 2021 में कम होकर 2499 मिलियन रह गई है।
सीधे शब्दों में कहें तो 2 सालों के भीतर रिजर्व बैंक ने 2,000 रुपए के 863 मिलियन नोट हटा लिए हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि 5 राज्यों में चुनाव के बाद सरकार फिर चौंकाने वाला फैसला ले सकती है। चूंकि मोदी सरकार काले धन को खत्म करने पर दृढ़ है इसलिए बहुत जल्द ही कोई झटका आ सकता है। आधिकारिक रूप से सरकार ने माना कि उसने 2019-20 और 2020-21 के दौरान रिजर्व बैंक को 2,000 रुपए के नए नोट छापने का कोई ऑर्डर नहीं दिया है।