Edited By Seema Sharma,Updated: 07 Dec, 2021 01:50 PM
केंद्र सरकार वर्क फ्रॉम होम (घर से काम) को लेकर एक व्यापक कानून लाने की तैयारी में है। यह नया कानून वर्क फ्रॉम होम कर रहे कर्मचारियों के प्रति कंपनियों की जिम्मेदारी को तय करेगा।
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार वर्क फ्रॉम होम (घर से काम) को लेकर एक व्यापक कानून लाने की तैयारी में है। यह नया कानून वर्क फ्रॉम होम कर रहे कर्मचारियों के प्रति कंपनियों की जिम्मेदारी को तय करेगा। सरकार से जुड़े जो सरकारी अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी। बता दें कि कोरोना काल के दौरान कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी थी। देश में कई कंपनियों के कर्मचारी अब भी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। हालांकि 2020 में कोरोना का कहर कम होने पर वर्क फ्रॉम होम खत्म कर दिया गया लेकिन अब सरकार इस पर नया मॉडल बना रही है।
कई विकल्पों पर विचार कर रही है सरकार
एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक वर्क फ्रॉम होम के लिए केंद्र सरकार कई विकल्पों पर विचार कर रही है। जिन विकल्पों पर विचार किया जा रहा है- उनमें कर्मचारियों के लिए काम के घंटे तय करना और घर से काम करने के दौरान अतिरिक्त खर्च होने वाले बिजली और इंटरनेट के लिए कर्मचारियों को भुगतान करना शामिल है। वर्क फ्रॉम होम के लिए पॉलिसी बनाने में मदद के लिए सरकार ने एक कंसल्टेंसी फर्म को शामिल किया है।
कोरोना के कारण बदला काम का तरीका
कोरोना के कारण अब कंपनियों में काम करने का तरीका बदल रहा है। दुनिया की कई कंपनियों ने तो अपने कर्मचारियों को 2024 तक के लिए वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी है। इतना ही नहीं दुनिया के तमाम देशों में भी 'वर्क फ्रॉम होम' को लेकर नियम-कानून बनाए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य बदले हालत में कर्मचारियों के हितों की रक्षा करना है। दरअसल मार्च 2020 में कोरोना वायरस के देश में दस्तक देने के बाद से वर्क फ्रॉम होम का चलन चल पड़ा है।
पुर्तगाल में नो कॉल नो मैसेज भी कानून में शामिल
हाल ही में पुर्तगाल की संसद ने 'वर्क फ्रॉम होम' को लेकर एक कानून पास किया है, जिसके तहत कोई कंपनी अपने कर्मचारी को उसकी शिफ्ट खत्म होने के बाद कॉल या मैसेज नहीं कर सकती है। ऐसा करने पर कंपनी पर जुर्माने का प्रावधान है। दरअसल कोरोना के बाद बहुत सारे कर्मचारियों की शिकायतें रही हैं कि उनसे ज्याद घंटे काम लिया जा रहा है। कई बार उन्हें अपने बॉस के बेवजह गुस्से का शिकार होना पड़ा है। जिस कारण पुर्तगाल की संसद ने 'वर्क फ्रॉम होम' के कानून में ड्यूटी hours खत्म होने पर नो कॉल नो मैसेज भी जोड़ा है।