आम बजट में 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा देने की घोषणा करने के बाद मोदी सरकार स्वास्थ्य संबंधित एक और योजना ला रही है। केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर देश में दुर्लभ बीमारियों के विरुद्ध एक अभियान शुरू करेगी। 300 तरह की दुर्लभ बीमारियों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक राष्ट्रीय पॉलिसी बना रहा है।
नेशनल डेस्क: आम बजट में 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा देने की घोषणा करने के बाद मोदी सरकार स्वास्थ्य संबंधित एक और योजना ला रही है। केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर देश में दुर्लभ बीमारियों के विरुद्ध एक अभियान शुरू करेगी। 300 तरह की दुर्लभ बीमारियों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक राष्ट्रीय पॉलिसी बना रहा है और आशा है कि 2018 के अंत तक लागू करने की योजना है। इसमें फिजिशियन डॉक्टरों को भी इन बीमारियों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
जल्द कैबिनेट में रखा जाएगा प्रस्ताव
देश में आयुष्मान भारत के तहत खुलने वाले हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में लोगों के लिए यह सुविधा मौजूद रहेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय इस प्रस्ताव को कैबिनेट में रखने वाला है। बता दें कि विश्वभर में 7 हजार तरह की दुर्लभ बीमारियां हैं और देश में करीब 3 सौ तरह की दुर्लभ बीमारियां पाई जाती हैं। इनका इलाज भी मंहगा है। सरकारी अस्पतालों में इसकी सुविधा न होने से इनके उपचार के लिए प्राइवेट अस्पतालों में जाना पड़ता है। ऐसी ही कुछ बीमारी हैं, लायसोसोमल स्टोरेज डिसऑर्डर (एलएसडी) जिनको पहचानना आसान नही है।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि देश में 300 तरह की दुर्लभ बीमारियां पाई जाती हैं। इन बीमारियों के मरीजों की संख्या लगभग 2 से 3 लाख तक है। भारत में सबसे ज्यादा एलएसडी बीमारियों के मरीज हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय का ऐसी बीमारियों पर ज्यादा फोकस है। इस तरह की बीमारियों में एंजाइम की कमी होती है, जिसके कारण कोशिकाएं कई तरह के फैट और कार्बोहाइड्रेट तोड़ने में असक्षम हो जाती हैं।
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