Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Feb, 2018 08:18 AM
मोदी केंद्रीय योजनाओं को नया रूप देने में ‘मास्टर’ हैं। अगर सूत्रों पर विश्वास किया जाए तो एक और योजना उनकी मेज पर पड़ी है जो एक बड़े सुधार के रूप में सामने आएगी। हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई। जहां इस बात का जायजा लिया...
नेशनल डेस्कः मोदी केंद्रीय योजनाओं को नया रूप देने में ‘मास्टर’ हैं। अगर सूत्रों पर विश्वास किया जाए तो एक और योजना उनकी मेज पर पड़ी है जो एक बड़े सुधार के रूप में सामने आएगी। हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई। जहां इस बात का जायजा लिया गया कि मार्कीट एश्योर्ड स्कीम (एम.ए.एस.) की क्या लागत होगी जिसके तहत केंद्र सरकार राज्यों द्वारा हुए नुक्सान का 40 प्रतिशत वहन कर सके। अब केंद्र सरकार 2 अन्य योजनाओं का विलय करना चाहती है जो पहले ही मार्कीट इंटरवैंशन स्कीम (एम.आई.एस.) और प्राइज स्पोर्ट्स स्कीम (पी.एस.एस.) के जरिए राज्यों को मदद दे रही हैं और नुक्सान का 50 प्रतिशत हिस्सा वहन करती है।
केंद्र सरकार ने इस वर्ष एम.आई.एस. के तहत 9,20,000 टन प्याज, आलू, लाल मिर्च और लहसुन की वसूली करने के लिए राज्यों को अपने फंड से 13.87 बिलियन रुपए की मदद दी। इसी तरह तेल, बीजों और दालों के लिए पी.एस.एस. के तहत केंद्र ने राज्यों के साथ मिलकर इन वस्तुओं की 1.2 मिलियन टन की वसूली की और अपने हिस्से से 57.43 बिलियन रुपए खर्च किए। अब नई बात क्या है? मोदी चाहते हैं कि इस नई किसान उत्पाद सम्पर्क इंटरवैंशन स्कीम को नया रूप दिया जाए। इसका एक नया नाम होगा और किसानों के लिए यह मोदी की मोहर वाली नई योजना होगी। इसका नाम मार्कीट एश्योर्ड स्कीम होगा। इस पर काम जारी है।