Edited By Seema Sharma,Updated: 23 Feb, 2020 10:24 AM
भारत-यूरोपियन सम्मेलन के लिए ब्रसेल्स दौरे को छोड़ दिया जाए तो इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़ी विदेश यात्राओं पर जाने की संभावना कम ही है। प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों की मानें तो मोदी के संयुक्त राष्ट्र महासभा 2020 में शामिल होने के...
नेशनल डेस्कः भारत-यूरोपियन सम्मेलन के लिए ब्रसेल्स दौरे को छोड़ दिया जाए तो इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़ी विदेश यात्राओं पर जाने की संभावना कम ही है। प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों की मानें तो मोदी के संयुक्त राष्ट्र महासभा 2020 में शामिल होने के लिए न्यूयार्क जाने की संभावना भी कम ही है। चूंकि अमरीकी लीडरशिप राष्ट्रपति चुनावों में व्यस्त होगी इसलिए नरेंद्र मोदी शायद यू.एन. नहीं जाएंगे। उनकी जगह विदेश मंत्री एस. जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने के लिए भेजे जा सकते हैं।
ब्रसेल्स दौरा लंबे वक्त से विचाराधीन मुक्त व्यापार समझौते और निवेश सुरक्षा संधि के लिए अलग से बातचीत करने के लिए किया जा रहा है। ब्रसेल्स दौरे के दौरान मोदी विश्व नेताओं से मुलाकात करेंगे और उनका ध्यान व्यापार और निवेश में सहयोग बढ़ाने पर रहेगा। शुल्क दर और श्रम मानकों को लेकर द्विपक्षीय व्यापार और निवेश समझौता अभी अधर में लटका है। दोनों पक्षों में कई मुद्दों पर मतभेद के चलते इस समझौते पर बातचीत मई 2013 से ही रुकी हुई है। इस समझौते के लिए मोलभाव 2007 में शुरू हुआ था। अपने ब्रसेल्स दौरे के दौरान नरेंद्र मोदी आप्रवासी भारतीयों को संबोधित नहीं करेंगे और उनका पूरा ध्यान यूरोप से सामरिक सहयोग को बढ़ाने पर रहेगा।
रिवर्स डिप्लोमेसी के तहत वह किसी बड़े विदेशी नेता को भारत दौरे पर आमंत्रित कर सकते हैं और प्रचार के लिए उसका इस्तेमाल कर सकते हैं। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बाद म्यांमार के राष्ट्रपति 26-29 फरवरी तक भारत के दौरे पर रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी इस्लामिक देश के भी छोटे दौरे पर जा सकते हैं लेकिन इस दौरान कोई ‘मैगा मोदी शो’ नहीं होगा जैसा कि पिछले कई सालों से होता आया है। सूत्रों का कहना है कि इसकी वजह सीएए-एनआरसी को लेकर हो रहे देशव्यापी प्रदर्शन हो सकते हैं। इस बात की संभावना है कि मोदी किसी मुस्लिम देश के बड़े नेता को भारत दौरे पर आमंत्रित कर सकते हैं।