मोदी 3 अफ्रीकी देशों के दौरे पर रवाना, रवांडा को तोहफे में देंगे 200 गाएं

Edited By Tanuja,Updated: 23 Jul, 2018 05:54 PM

modi is on african nation visit will give 200 cows to rwanda

आज से 3 अफ्रीकी देशों के दौरे पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले रवांडा पहुंचेंगे। दिल्ली से भी कम आबादी वाले इस देश की यात्रा करने वाले  मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। मोदी इस यात्रा के दौरान रवांडा को 200 गाएयें देंगे...

किगलीः आज से शुरू होने वाले 3 अफ्रीकी देशों के दौरे दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले रवांडा पहुंचेंगे। दिल्ली से भी कम आबादी वाले इस देश की यात्रा करने वाले  मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। मोदी इस यात्रा के दौरान रवांडा को 200 गाय़ें देंगे। इन गायों को देश के पूर्वी प्रांत में 'गिरिंका कार्यक्रम' के तहत खरीदा जाएगा, जिसके मुताबिक, हर गरीब परिवार के लिए 1 गाय का होना अनिवार्य है। इस कार्यक्रम के तहत मिली गायों से जन्मीं पहली बछिया को पड़ोसी को तोहफे में देना अनिवार्य है। इस तरह से रवांडा में गरीब से गरीब परिवार के पास भी जीवनयापन का एक सहारा रहता है। 

इस दौरान मोदी रवांडा, युगांडा और दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग का दौरा करेंगे। बता दें कि इस साल  मोदी का ये 9वां विदेश दौरा होगा। इससे पहले पिछले 8  दौरों के दौरान वो 15 देशों की यात्रा कर चुके हैं। अपनी यात्रा के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री मोदी युगांडा जाएंगे और वहां के राष्ट्रपति योवेई मुसेवेनी से मुलाकात करेंगे। साथ ही प्रतिनिधि स्तरीय वार्ता के बाद वो भारत और युगांडा के संयुक्त व्यापार कार्यक्रम में भी शिरकत करेंगे। इस दौरान वो युगांडा की संसद को भी संबोधित करेंगे और भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मुलाकात करेंगे। 

इस पांच दिवसीय दौरे के आखिरी पड़ाव में पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग जाएंगे और वहां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह ब्रिक्स नेताओं का 10वां शिखर सम्मेलन है। इस शिखर सम्मेलन में वो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे, जिसमें रक्षा, सुरक्षा के जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके अलावा पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।

रवांडा की राजधानी किगली से भारत के मेट्रो शहर काफी कुछ सीख सकते हैं, खासतौर पर नई दिल्ली। यहां की सफाई और सार्वजनिक परिवहन की समय की पाबंदी जरूर सीखने लायक है क्योंकि रवांडा में असली विकास साल 1994 के बाद ही शुरू हुआ है। इससे पहले रवांडा खूनी गृहयुद्ध और नरसंहार का गवाह रहा है।  उल्लेखनीय है कि चीन के राष्ट्रपति भी रविवार को रवांडा पहुंचे और यह पहली बार है जब कोई चीनी राष्ट्रपति रवांडा गए हों।

भारत और चीन दोनों ही एशियाई शक्ति हैं और अफ्रीकी देशों से मेलजोल बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण वहां मौजूद प्राकृतिक संसाधन हैं। सबसे पिछड़े महाद्वीपों में शामिल अफ्रीका का देश रवांडा महिला सशक्तीकरण के मामले में भारत से भी काफी आगे है। जहां, भारत की संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला विधेयक सालों से लंबित पड़ा हुआ है तो वहीं रवांडा ऐसा देश है जहां कि संसद में दो तिहाई महिलाएं सांसद हैं। यह दुनियाभर में सबसे ज्यादा है। 

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