Edited By Seema Sharma,Updated: 06 Jun, 2018 09:49 AM
लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार 50 करोड़ से ज्यादा कामगारों के लिए नई योजना ला रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय ने ‘यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी’ से जुड़े श्रम मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत 50 करोड़ से ज्यादा कामगारों को...
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार 50 करोड़ से ज्यादा कामगारों के लिए नई योजना ला रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय ने ‘यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी’ से जुड़े श्रम मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत 50 करोड़ से ज्यादा कामगारों को सरकार पेंशन, मेडिकल कवर समेत कुछ सुविधाएं मुहैया कराएगी। इस योजना में कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोग भी शामिल किए जाएंगे। श्रम मंत्रालय इस योजना को 2019 के चुनाव से पहले लागू करना चाहता है।
दो लाख करोड़ रुपए की इस योजना पर वित्त मंत्रालय और श्रम मंत्रालय काम कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि संसद के मानसून सत्र के दौरान सरकार संसद में योजना से जुड़ा मसौदा भी पेश कर सकती है। श्रम मंत्रालय की इस नई पॉलिसी के तहत हर राज्य में सामाजिक सुरक्षा फंड बनेगा। इसके जरिए पेंशन, मेडिकल सुविधा, मैटरनिटी सुविधा आदि जैसी 10 बुनियादी सामाजिक सुरक्षा दी जाएगी। इसमें एक ग्रेच्युटी फंड भी बनाया जाएगा।
प्रथम वर्ष में 10 करोड़ कामगारों को मिलेगा लाभ
इस नई सामाजिक सुरक्षा योजना का फायदा 10 करोड़ गरीब मजदूरों तक पहुंचाने पर हर साल 1 लाख 20 हजार करोड़ तक के खर्च का अनुमान है। श्रम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को दिए सुझाव में कहा कि इस स्कीम को धीरे-धीरे लागू किया जाना चाहिए। सबसे पहले इस योजना के तहत गरीब तबके के लोगों को कवर किया जाना चाहिए। ऐसा करने पर मंत्रालय को योजना की शुरुआत में कम पैसों की जरूरत पड़ेगी। इसके बाद इस स्कीम को यूनिवर्सल बनाने के लिए फंड आवंटन अगले 5 से 10 सालों में बढ़ाया जा सकता है। श्रम मंत्रालय ने इस स्कीम को व्यापक रखने की बात कही है, जिससे स्वास्थ्य, वृद्धा अवस्था, बेरोजगारी और मैटरनिटी के लिए योजना को 50 करोड़ कामगारों तक पहुंचाया जा सके।