Edited By shukdev,Updated: 19 Aug, 2018 06:47 PM
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) के सचिव एवं उच्चतम न्यायालय के वकील सरफराज अहमद सिद्दीकी ने केरल में बाढ़ राहत एवं पुनर्वास के लिए 500 करोड़ रुपए के आर्थिक सहयोग की केंद्र सरकार की घोषणा को‘ऊंट के मुंह में जीरा’ करार देते हुए देशवासियों से...
नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) के सचिव एवं उच्चतम न्यायालय के वकील सरफराज अहमद सिद्दीकी ने केरल में बाढ़ राहत एवं पुनर्वास के लिए 500 करोड़ रुपए के आर्थिक सहयोग की केंद्र सरकार की घोषणा को‘ऊंट के मुंह में जीरा’ करार देते हुए देशवासियों से बढ़ चढ़कर सहयोग की अपील की है। सिद्दीकी ने रविवार को कहा कि केरल के 14 में से 13 जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं और लोग रोजमर्रा की जरूरतों और जीवन रक्षक दवाओं के लिए तरस रहे हैं।
उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के राहत एवं पुनर्वास के लिए 500 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ के समान करार दिया। प्रदेश सचिव ने देशवासियों से जाति, क्षेत्र और धर्म से ऊपर उठकर बाढ़ पीड़ितों की सेवा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस समय पूरा केरल भीषण बाढ़ की चपेट में है। बाढ़ ने सौ साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इसलिए सभी देशवासियों, खासकर मुसलमान भाइयों से अपील है कि वे इस ईद-उल-अजहा (बकरीद) के अवसर पर बाढ़ पीड़ितों की उदारतापूर्वक मदद करें।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केरल को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए प्रधानमंत्री से अपील की है। मोदी से यह उमीद की जाती है कि वह केरल में भीषण बाढ़ से होने वाले नुकसान को देखते हुए वहां प्राकृतिक आपदा की घोषणा जरूर करेंगे। सिद्दीकी ने ऐसे मौकों पर राजनीति न करने की अपील करते हुए आरोप लगाया कि केरल में बाढ़ की तबाही पर भी भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेता हिन्दू-मुस्लिम कार्ड खेल रहे हैं, जो अनुचित है।