Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Sep, 2017 07:21 PM
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने चुटकी लेते हुए कहा, ''झुंड से भटकने के बाद बंदर को कोई नहीं पूछता," इसलिए पल्टूराम कार्ड तक नहीं आया
पटना: मोदी कैबिनेट में जेडीयू को जगह न मिलने से बिहार की सियासत में पारा फिर से गरमा गया है। इसे मुद्दा बनकार विपक्ष सीएम नीतीश कुमार पर खूब तंज कस रहा है। हालांकि जेडीयू ने इसे बीजेपी का आतंरिक मामला बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की। यहां तक कि खुद नीतीश कुमार ने सफाई दी कि इस मंत्रिमंडल विस्तार पर न उनसे कोई चर्चा हुई है और न ही जनता दल यूनाइटेड के भागीदारी पर उनसे पूछा गया था। उनकी इस सफाई को उनके विरोधी फ़िलहाल मानने के लिए तैयार नहीं है।
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने चुटकी लेते हुए कहा, 'झुंड से भटकने के बाद बंदर को कोई नहीं पूछता," इसलिए पल्टूराम कार्ड तक नहीं आया। लालू ने भविष्यवाणी भी कि नीतीश कुमार की असल दुर्गति अभी बाकी है।
वही उनकी पार्टी के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने तंज कसा कि नीतीश कुमार को 'माया मिली न राम।' तिवारी ने ये भी दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने जिस दिन बिहार के बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया था, उसी दिन दोपहर के भोज में वे जेडीयू के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के आग्रह को ठुकरा चुके थे।
जेडीयू को मंत्रीमंडल में जगह न मिल पाने से बिहार बीजेपी के नेता खासी राहत महसूस कर रहे हैं। उनका मानना है कि पार्टी ने पहली बार संदेश दिया है कि नीतीश कुमार की मनमानी करने के दिन लद गए और अब वो एक नई बीजेपी के साथ डील कर रहे हैं, जहां कार्यकर्ताओं और पार्टी को सबसे पहले प्राथमिकता दी जाएगी।
उधर, जानकारों के मुताबिक, जेडीयू के नेता भी मानकर चल रहे थे कि पिछले दिनों राष्ट्रीय कार्यकारणी में प्रस्ताव पारित कर जेडीयू के एनडीए में शामिल होने की घोषणा इसलिए गई थी कि जब भी मोदी कैबिनेट का विस्तार होगा।
उस दौरान पार्टी को भी उसमें जगह मिलेगी। एेसे कयास लगाए जा रहे थे कि विस्तार में पार्टी के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह का पक्का है, इसलिए कई पार्टी के विधायक दिल्ली में पहले से डेरा जमाए बैठे थे लेकिन अब बीजेपी के रुख ने उन्हें मायूस कर दिया है।