Edited By Seema Sharma,Updated: 11 Jun, 2019 08:10 AM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दूसरी पारी में नियुक्तियों के मामले में लचीला रुख अपनाते हुए बहुत सावधानी से कदम उठा रहे हैं जबकि मई 2014 में उनके पहले कार्यकाल में ऐसी बात नहीं थी। उदाहरण के लिए 2014 में मोदी ने फैसला लिया था
नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दूसरी पारी में नियुक्तियों के मामले में लचीला रुख अपनाते हुए बहुत सावधानी से कदम उठा रहे हैं जबकि मई 2014 में उनके पहले कार्यकाल में ऐसी बात नहीं थी। उदाहरण के लिए 2014 में मोदी ने फैसला लिया था कि कोई भी ऐसे अधिकारी को मोदी के शासन में किसी मंत्री के व्यक्तिगत स्टाफ में शामिल नहीं किया जाएगा जिसने पहले किसी मंत्री के व्यक्तिगत स्टाफ पी.एस./ओ.एस.डी./अति. पी.एस./ए.पी.एस. इत्यादि के तौर पर काम किया हो। मोदी का कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डी.ओ.पी.टी.) इस मामले में इतना सख्त था कि केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, राम विलास पासवान तथा बहुत से अन्य मंत्री भी अपनी पसंद का स्टाफ हासिल करने में असफल रहे थे।
इस मामले में मोदी के आगे कोई फरियाद काम नहीं आई। यहां तक कि सबसे ताकतवर मंत्री अरुण जेतली को भी इस मामले में अपवाद बनने के लिए महीनों इंतजार करना पड़ा था। अब 2019 में मोदी काफी बदल चुके हैं और वह ‘‘सबका विश्वास’’ जीतना चाहते हैं। उन्होंने प्रशासन में निरंतरता और संबद्धता की जरूरत को समझा है। इसके अलावा वह अपनी पसंद के अधिकारियों के चयन के मामले में मंत्रियों की इच्छा का भी सम्मान करना चाहते हैं। एक कैबिनेट मंत्री के पास चपड़ासी सहित 15 लोगों का निजी स्टाफ होता है। इस बार मोदी ने फैसला किया है कि अधिकारियों के मंत्रियों के साथ दूसरी बार निजी सचिव/ओ.एस.डी. बनने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
गत हफ्ते उन्होंने 3 महत्वपूर्ण कैबिनेट मंत्रियों अमित शाह, स्मृति ईरानी और डा. जतिंद्र सिंह के निजी सचिवों के नामों को हरी झंडी दी। इन अधिकारियों का कार्यकाल तय करते समय उनके नियुक्ति आदेशों में एक बात लिखी गई है और वह है ‘‘...एक मंत्री के निजी सचिव के तौर पर बकाया 5 साल की अवधि।’’ कुल मिलाकर यह स्पष्ट है कि किसी भी अधिकारी द्वारा किसी मंत्री या मंत्रियों के साथ निजी सचिव के तौर पर काम करने की अधिकतम समय सीमा 5 साल होगी। ‘‘...अथवा अधिकारी का कार्यकाल मंत्री के कार्यकाल के साथ समाप्त होगा...।’’ इस प्रकार यदि इन अधिकारियों ने पहले किसी मंत्री के साथ कार्य किया है तो भी वे अगले 5 वर्ष तक इस पद पर रह सकेंगे। इमकोंगला जमीर (श्रीमती ईरानी के निजी सचिव), आशीष कुमार (डा. जतिंद्र सिंह के निजी सचिव) और साकेत कुमार (शाह के निजी सचिव) क्रमश: जुलाई 2020, अगस्त 2021 और जुलाई 2023 तक अपनी वर्तमान भूमिका में बने रहेंगे।