Edited By shukdev,Updated: 29 Oct, 2018 08:45 PM
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा अयोध्या मामले की सुनवाई जनवरी तक स्थगित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर अपनी सरकार का रुख स्पष्ट करना चाहिए। सिन्हा ने उच्चतम न्यायालय के फैसले के तुरंत बाद सोमवार...
नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा अयोध्या मामले की सुनवाई जनवरी तक स्थगित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर अपनी सरकार का रुख स्पष्ट करना चाहिए। सिन्हा ने उच्चतम न्यायालय के फैसले के तुरंत बाद सोमवार को ट्वीट कर प्रधानमंत्री से पूछा कि भारतीय जनता पार्टी सबरीमला मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का विरोध कर रही है। इस मुद्दे पर उसने हिंसा करने तक की भी धमकी दी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के कुछ नेता अब राम मंदिर निर्माण की सुनवाई जनवरी तक टालने के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। अजीब स्थिति है कि जो पार्टी सत्ता में है, वही यह सब कर रही है। उन्होंने मोदी से कहा कि इस मुद्दे पर उन्हें सरकार का रुख स्पष्ट करना चाहिए। इसी बीच एआईएमआईएम के प्रमुख तथा लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवेसी ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि राम मंदिर निर्माण को लेकर उसे अध्यादेश लाना चाहिए।
हर बार भाजपा धमकी देती है कि अध्यादेश लेकर आएंगे। भाजपा, आरएसएस, विहिप सभी यही कहते रहते हैं। अब तो वे सत्ता में हैं और उन्हें अब अध्यादेश लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह भाजपा को इस बारे में अध्यादेश लाने की चुनौती देते हैं। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए इसे जनवरी तक टाल दिया और कहा कि जनवरी, 2019 में यह मामला उचित पीठ के समक्ष पेश किया जाएगा।