Edited By Anil dev,Updated: 19 May, 2019 12:37 PM
जहां समाज में हर ओर हिन्दू-मुस्लिम को लेकर विवाद चला रहता है। वहीं, पंजाब के मुस्लिम बहुल शहर मालेरकोटला एक ऐसा अनूठा शहर है जहां मस्जिद और मंदिर की एक साझा दीवार है। एक मुस्लिम व्यक्ति हनुमान मंदिर के बाहर प्रसाद बेचता है
पंजाब: जहां समाज में हर ओर हिन्दू-मुस्लिम को लेकर विवाद चला रहता है। वहीं, पंजाब के मुस्लिम बहुल शहर मालेरकोटला एक ऐसा अनूठा शहर है जहां मस्जिद और मंदिर की एक साझा दीवार है। एक मुस्लिम व्यक्ति हनुमान मंदिर के बाहर प्रसाद बेचता है और एक ब्राह्मण के स्वामित्व वाली प्रेस रमजान के लिए ग्रीटिंग कार्ड छापती है। मौलवी और पुजारी चुनाव के मौसम में शहर में राजनीतिक हलचल से बेफिक्र होकर प्यार और भाईचारे के किस्से सुनाते हैं। व्यस्ततम ताजपुरा बाजार में हनुमान मंदिर के बाहर प्रसाद बेचने वाले मोहम्मद यासीन (33) का कहना है कि मालेरकोटला में बंटवारे के समय एक भी सांप्रदायिक झड़प नहीं हुई।
उन्होंने कहा, ‘आपने जो घटनाएं सुनी हैं, वे बाहरी लोगों की करतूत थीं। यहां पर मुसलमान माता की चौकी में आते हैं और हिन्दू इफ्तार के लिए शरबत तैयार करते हैं। शहर के हाथोआ गांव में गुरू ग्रंथ साहिब के जलने की घटना एक हादसा थी वर्ष 2016 में, कुछ बाहरी लोगों ने हमारी पवित्र पुस्तक की बेअदबी की थी। इससे पूर्व भी असामाजिक तत्वों ने शहर में शांति भंग करने की कोशिश की थी लेकिन वे नाकाम रहे थे। हमारा भाईचारा समय की कसौटी पर खरा उतरा है।
सड़क के उस पार, हनुमान मंदिर के अंदर, 73 वर्षीय मुख्य पुजारी फूलचंद शर्मा का कहना है कि मालेरकोटला के लोग अपने धर्म से एक दूसरे को नहीं परखते हैं। शहर नफरत और धर्म की राजनीति से प्रभावित नहीं होता है। उम्मीदवार धार्मिक तर्ज पर वोट मांगने की कोशिश करते हैं, लेकिन लोगों के ध्रुवीकरण करने की उनकी कोशिश नाकाम साबित हुई है। एक किलोमीटर दूर, सोमसन्स कॉलोनी में, तीन साल पुराना मंदिर और 60 साल पुरानी मस्जिद की नौ इंच मोटी दीवार साझा है। पुजारी और मौलवी एक साथ मुस्कुराते है।