मोहन भागवत बोले- 15 सालों में बनेगा 'अखंड भारत', जानिए कैसे और कितना हो पाएगा यह संभव

Edited By Seema Sharma,Updated: 20 Apr, 2022 11:57 AM

mohan bhagwat said  akhand bharat will be made in 15 years

स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि आने वाले 10 से 15 सालों के भीतर अखंड भारत को लेकर स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरविंद का स्वप्न साकार होने वाला है और ईश्वर की इच्छा से हम सब इसे अपनी आंखों से होता हुआ देखेंगे।

नेशनल डेस्क: स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि आने वाले 10 से 15 सालों के भीतर अखंड भारत को लेकर स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरविंद का स्वप्न साकार होने वाला है और ईश्वर की इच्छा से हम सब इसे अपनी आंखों से होता हुआ देखेंगे। डॉ. भागवत ने हरिद्वार में कनखल में पूर्णानंद आश्रम में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर श्री 1008 स्वामी दिव्यानंद गिरि की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा और श्री गुरुत्रय मंदिर का लोकार्पण के अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम में महामंडलेश्वर स्वामी गिरिधर, स्वामी विशोकानंद भारती, स्वामी विवेकानंद, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव रविंद्रपुरी, महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद उपस्थित थे।

 

सरसंघ चालक ने कहा कि वेदों में आपके जो आधी-व्याधि है व्याधि का तो उच्चारण है और आधी-व्याधि का भी उच्चारण है। उन वेदों का प्रत्यक्ष आचरण करने वाले गुरु होते हैं। उन गुरुओं ने हमारे सामने जो बात रखी है अपने जीवन से रखी है, उसको नित्य स्मरण में रखा है और उसका स्मरण समाज को भी करना पड़ेगा। हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब भागवत ने अखंड भारत की बात कही हो। पिछले साल फरवरी में भी एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा था कि दुनिया के कल्याण के लिए गौरवशाली अखंड भारत की जरूरत है, छोटे किए गए भारत को फिर से एकजुट करने की जरूरत है।

 

अखंड भारत क्या
अखंड भारत ऐसा भारत जिसमें पाकिस्तान और बांग्लादेश भी हों या ऐसा भारत जिसमें पाकिस्तान-बांग्लादेश के अलावा नेपाल, भूटान, तिब्बत, म्यांमार, अफगानिस्तान और श्रीलंका भी हो या फिर ऐसा भारत जिसमें इन सबके साथ-साथ कंबोडिया, मलेशिया, वियतनाम और इंडोनेशिया भी हो।

 

अखंड भारत का कॉन्सेप्ट

  • पहला कॉन्सेप्ट- 1947 से पहले का भारत जिसमें पाकिस्तान और बांग्लादेश शामिल
  • दूसरा कॉन्सेप्ट- पाकिस्तान-बांग्लादेश के अलावा भारत में नेपाल, भूटान, तिब्बत, म्यांमार, अफगानिस्तान और श्रीलंका भी हों।
  • तीसरा कॉन्सेप्ट- भारत में कंबोडिया, मलेशिया, वियतनाम और इंडोनेशिया भी हो।

 

जानिए कब-कब हुआ भारत खंड-खंड

  • मौर्य राजवंश (321-185 ईसा पूर्व) प्राचीन भारत का एक शक्तिशाली राजवंश था। मौर्य राजवंश ने 137 वर्ष भारत में राज्य किया। इसकी स्थापना का श्रेय चन्द्रगुप्त मौर्य और उसके मंत्री चाणक्य (कौटिल्य) को दिया जाता है। यह साम्राज्य पूर्व में मगध राज्य में गंगा नदी के मैदानों (आज का बिहार एवं बंगाल) से शुरु हुआ। इसकी राजधानी पाटलिपुत्र (आज के पटना शहर के पास) थी। 316 ईसा पूर्व तक मौर्यवंश ने पूरे उत्तरी पश्चिमी भारत पर अधिकार कर लिया था। चक्रवर्ती सम्राट अशोक के राज्य में मौर्यवंश का वृहद स्तर पर विस्तार हुआ। सम्राट अशोक के कारण ही मौर्य साम्राज्य सबसे महान एवं शक्तिशाली बनकर विश्वभर में प्रसिद्ध हुआ। 185 ईसा पूर्व में मौर्य साम्राज्य का पतन हुआ और इसी के साथ ही भारत के खंड-खंड होने की शुरुआत भी हुई। 
  • भारत पर कई राजवंशों ने राज किया फिर मुगलों ने इस पर अपना कब्जा कर लिया और उसके बाद ब्रिटेन ने काफी लंबे समय तक भारत को अपना गुलाम बनाकर रखा। ब्रिटेन ने भारत के कई हिस्सों को उससे अलग कर दिया था जिससे कई नए देश बने। 
  • भूटान, श्रीलंका और अफगानिस्तान को ब्रिटेन अलग देश मानता था। 1907 में ब्रिटेन ने भूटान को भारत से अलग कर दिया था। 
  • 1904 में नेपाल अलग देश बना। यहां गोरखाओं और अंग्रेजों के बीच संधि हुई और यह एक अलग देश बन गया।
  • 1947 में भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ। यह दोनों अलग-अलग देश बन गए।
  • 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से अलग कर दिया गया।
  • इस तरह तिब्बत, अफगानिस्तान, म्यांमार को भी ब्रिटेन ने अलग-अलग देश घोषित कर दिया।

 

भागवत का अखंड भारत क्या
RSS के मुताबिक भागवत के अखंड भारत का मतलब है पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और चीन के कब्जे वाले लद्दाख क्षेत्र से है। हालांकि अखंड भारत का सपना पूरा कना इतना आसान नहीं है क्योंकि यह भारत के ही उसूलों के खिलाफ होगा कि दूसरे देशों को भारत में मिलाना। दरअशल आज हर देश के अपनी संस्कृति और रीति-रिवाज है। भले ही भारत विभिन्न संस्कृतियों का सुमेल है लेकिन दूसरे स्वतंत्र देशों के इसमें मिलाना आसान नहीं होगा।

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