Edited By Yaspal,Updated: 20 Jun, 2019 09:08 PM
पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव'' के विचार का मजाक उड़ाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह मनुष्य का जीवनकाल तय करने की तरह है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने भाजपा की राजग सरकार के लोकसभा एवं राज्य...
हैदराबादः पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' के विचार का मजाक उड़ाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह मनुष्य का जीवनकाल तय करने की तरह है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने भाजपा की राजग सरकार के लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की कोशिश को ‘‘मात्र नारा'' और ‘‘आंख में धूल झोंकना'' बताया जिसका मकसद बेरोजगारी एवं कृषि संकट जैसी ‘‘वास्तविक समस्याओं'' से लोगों का ध्यान भटकाना है।
राज्य सरकारों के गिरने की जताई आशंका
मोइली ने कहा कि राज्य सरकारें मौजूदा लोकसभा के कार्यकाल के दौरान गिर सकती हैं। एकसाथ चुनाव कराने का प्रावधान लागू होने पर क्या इन राज्यों को अगले संसदीय चुनाव तक इंतजार करना होगा? मोइली ने कहा कि एक साथ चुनाव कराना लोगों के जीवनकाल को तय करने के समान है। उन्होंने कहा, ‘‘यह विचार यह नियम बनाने की तरह है कि हर किसी को 60 वर्ष जीवित रहना चाहिए। यदि लोगों की मौत पहले हो जाए तो क्या होगा?''
जवाहरलाल नेहरू के समय भी हुए थे एक साथ चुनाव
मोइली ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने की प्रक्रिया देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सत्ता में रहने के दौरान भी लागू की गई थी। विभिन्न कारणों से राज्य सरकारों को अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही जाना पड़ा जिसके कारण राज्यों और लोकसभा के लिए अलग-अलग समय चुनाव होने लगे। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘एकसाथ चुनाव कराना अब अव्यावहारिक है।''
मोइली ने आरोप लगाया, ‘‘यह उनके (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के) लिए (विचार को प्रोत्साहित करने का) अच्छा मंच है। उन्हें राष्ट्रीय मंचों की तलाश की आदत है यह (यह विचार) ऐसा ही राष्ट्रीय मंच है जिसे वह कृत्रिम रूप से अपने लिए बनाना चाहते है।'' रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नयी दिल्ली में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुखों की बैठक के बाद घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' के मामले पर ‘‘निर्धारित समय'' में सुझाव देने के लिए एक समिति गठित करेंगे।