US Election: कमला हैरिस ने मां की खास सलाह को बताया सफलता का राज

Edited By Tanuja,Updated: 13 Aug, 2020 09:55 AM

moms advice drives her every single day  kamla harris

‘बैठो मत और चीजों के बारे में शिकायत मत करो, कुछ करो।’’ यह मंत्र कमला हैरिस को उनकी मां श्यामला गोपालन ने दिया था जो चेन्नई में पैदा हुई थीं और यूसी बर्कले में ...

वाशिंगटन:  उपराष्ट्रपति पद की  उम्मीदवार कमला हैरिस का कहना है कि  उनकी मां की खास सलाह  उनकी सफलता का राज है जो हर रोज उनको प्रेरित करती है। ‘बैठो मत और चीजों के बारे में शिकायत मत करो, कुछ करो।’’ यह मंत्र  कमला हैरिस को उनकी मां श्यामला गोपालन ने दिया था, जो चेन्नई में पैदा हुई थीं और यूसी बर्कले में डॉक्टरेट करने अमेरिका आ गई थीं। उनके पिता स्टैनफोर्ड विश्ववविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डोनाल्ड हैरिस अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने जमैका से अमेरिका पहुंचे थे। बाइडेन-हैरिस संयुक्त अभियान वेबसाइट के अनुसार हैरिस की मां ने हमेशा उनसे कहा, ‘‘बैठो मत और चीजों के बारे में शिकायत मत करो, कुछ करो।’’ यही चीज उन्हें हर रोज प्रेरित करती है।


अमेरिका में काली महिलाओं, भारतीय अमेरिकी मुसलमानों, सिखों  ने राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी  के उम्मीदवार जो बाइडे द्वारा भारतीय मूल की सीनेटर कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने की ‘ऐतिहासिक’ घोषणा का स्वागत किया है। हैरिस के पिता अफ्रीकी हैं और उनकी मां भारतीय हैं। उनके पिता जमैका के मूल निवासी हैं. ऐसा पहली बार हुआ है, जब कोई अश्वेत महिला देश की किसी बड़ी पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनी हैं।  यदि हैरिस उपराष्ट्रपति बन जाती हैं, तो वह इस पद पर काबिज होने वाली अमेरिका की पहली महिला होंगी और देश की पहली भारतीय-अमेरिकी एवं अफ्रीकी-अमेरिकी उपराष्ट्रपति होंगी। हैरिस इस समय अमेरिका के कैलिफोर्निया से सीनेटर हैं। किसी काली महिला को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के लिए बाइडेन को राजी करने की मुहिम का हिस्सा रहीं डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य मिनियॉन मूरे ने कहा कि मुझे लगता है कि जो बाइडेन ने आज यह कहा है कि आप काबिल हैं।  आपके पास पर्याप्त योग्यता है. आपके पास देश को फिर से महान बनाने में मेरी मदद करने के लिए पर्याप्त अनुभव है। 

 

‘एसोसिएशन ऑफ इंडियन मुस्लिम ऑफ अमेरिका' (एआईएम) ने हैरिस को उनके नामंकन के लिए शुभकामनाएं दीं और अमेरिका में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद केवल पांच दशक के भीतर भारतीय-अमेरिकी समुदाय की असाधारण सफलता की सराहना की। एआईएम के कार्यकारी निदेशक कलीम कवाजा ने अमेरिका सरकार में दूसरे सबसे बड़े पद के लिए उम्मीदवार बनने में दूसरी पीढ़ी की भारतीय-अमेरिकी की उल्लेखनीय सफलता पर खुशी व्यक्त की। ‘सिख काउंसिल ऑफ़ रिलिजन एंड एजुकेशन' के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय सिख अभियान के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. राजवंत सिंह ने भी इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका में राष्ट्रीय कार्यालय के लिए किसी अल्पसंख्यक का चयन करना एक प्रमुख पार्टी द्वारा उठाया गया एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा, ‘‘ इसका मतलब है कि यह अश्वेत, महिलाओं और सभी प्रवासियों के लिए एक बड़ी बात है।'' 

 

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