Edited By Anil dev,Updated: 28 Jul, 2018 03:55 PM
यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार करने के बाद निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को हरियाणा में हथिनीकुंड बैराज से 1.93 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जबकि शुक्रवार को यह मात्रा 83,241 क्यूसेक रही।
नई दिल्ली: यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार करने के बाद निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। जानकारी के मुताबिक यमुना नदी में अब तक पांच लाख तीन हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा चुका है। वहीं इससे पहले संबंधित अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को हरियाणा में हथिनीकुंड बैराज से 1.93 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जबकि शुक्रवार को यह मात्रा 83,241 क्यूसेक रही। साथ ही उन्होंने बताया कि पहाड़ों में भारी बारिश के कारण हथिनीकुंड में पानी का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया। बीते 40 साल में यमुना 1967, 1971, 1975, 1976, 1978, 1988, 1995 और 2013 में खतरे के निशान को पार कर चुकी है।
दिल्ली सरकार की चेतावनी के बाद जागा प्रशासन
यमुना के किनारे बसे इलाकों में संभावित बाढ़ के मद्देनजर दिल्ली सरकार की चेतावनी के बाद प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने निचले इलाकों में रह रहे 100 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी कर ली है।
हिमाचल में भारी वर्षा से पंजाब तथा हरियाणा के बरसाती नदी नालों में बाढ़ जैसे हालात हैं। बाढ़ का पानी खतरे के निशान से उपर बहने के कारण हथनीकुंड बैराज के सभी गेट खोल दिये जिससे कई बिजली परियोजनाओं पर उत्पादन बंद हो गया। पठानकोट से प्राप्त जानकारी के अनुसार हिमाचल में भारी वर्षा से चक्की नदी में जलस्तर बढऩे से एयरपोर्ट को जाने वाली रोड का कुछ हिस्सा बह गया। इस रोड को करीब पांच माह पहले एक करोड़ 70 लाख की लागत से बनवाया था। नदी पर बने रेलवे पुल को भी खतरा बढ़ता जा रहा है तथा इसके पास बने सैनिक अस्पताल की दीवार को भी खतरा बढ़ गया है। पुल के नीचे की जमीन धंसनी शुरू हो गयी है ।