Edited By Seema Sharma,Updated: 26 Jul, 2022 04:14 PM
राज्यसभा की कार्यवाही में बाधा डालने और व्यवधान उत्पन्न करने के लिए तृणमूल कांग्रेस के सात और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के छह सदस्यों सहित विभिन्न विपक्षी दलों के कुल 19 सदस्यों को मंगलवार को इस सप्ताह की शेष बैठकों के लिए निलंबित कर दिया गया।
नेशनल डेस्क: राज्यसभा की कार्यवाही में बाधा डालने और व्यवधान उत्पन्न करने के लिए तृणमूल कांग्रेस के सात और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के छह सदस्यों सहित विभिन्न विपक्षी दलों के कुल 19 सदस्यों को मंगलवार को इस सप्ताह की शेष बैठकों के लिए निलंबित कर दिया गया। गत 18 जुलाई से आरंभ हुए संसद के मानसून सत्र के पहले दिन से ही तमाम विपक्षी दल महंगाई और कुछ खाद्य पदार्थों पर माल और सेवा कर (GST) लगाए जाने के खिलाफ उच्च सदन की कार्यवाही बाधित कर रहे हैं।
उपसभापति हरिवंश ने मंगलवार को हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से बार-बार अनुरोध किया कि वे अपने-अपने स्थान पर लौट जाएं और सदन की कार्यवाही में बाधा ना उत्पन्न करें। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों को चेतावनी भी दी लेकिन उनपर इसका कोई असर नहीं हुआ। हंगामा ना थमता देख और विपक्षी सदस्यों पर कोई असर ना होता देख संसदीय कार्य राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने 10 सदस्यों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया लेकिन जब ध्वनि मत से यह पारित हुआ तो हरिवंश ने 19 सदस्यों के नाम लिए और कहा कि इन सदस्यों को सप्ताह की शेष बैठकों से निलंबित किया जाता है।
निलंबित सदस्य
निलंबित सदस्यों में तृणमूल कांग्रेस के सात, द्रमुक के छह, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के तीन, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के दो और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के एक सदस्य शामिल हैं। तृणमूल कांग्रेस के सुष्मिता देव, मौसम नूर, शांता छेत्री, डोला सेन, शांतनु सेन, अबीर रंजन विश्वास और नदीमुल हक को निलंबित किया गया है जबकि द्रमुक के निलंबित सदस्यों में एम मोहम्मद अब्दुल्ला, कनिमोझी एनवीएन सोमू, एम षणमुगम, एस क्लयाणसुंदरम, आर गिरिराजन और एन आर इलंगो शामिल हैं। टीआरएस के निलंबित किए गए सदस्यों में बी लिंगैया यादव, रविचंद्र वड्डीराजू और दामोदर राव दिवाकोंडा शामिल है। माकपा के ए ए रहीम और वी शिवदासन तथा भाकपा के संदोष कुमार को भी इस सप्ताह के लिए सदन की बैठक से निलंबित किया गया है।
आसन के पास पहुंचे थे निलंबित सदस्य
हरिवंश ने कहा कि सदस्यों को सदन और आसन के प्राधिकार की ‘‘पूरी तरह अवहेलना'' करने के लिए सदन की बैठकों से निलंबित किया गया है। आसन की ओर से निलंबित सदस्यों को सदन से बाहर निकल जाने का अनुरोध किया गया लेकिन सभी निंलबित सदस्य सदन में ही रहे। इसकी वजह से सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई और अंतत: दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। निलंबन का प्रस्ताव पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही पहले 15 मिनट के लिए, उसके बाद एक घंटे के लिए और फिर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।