इस सप्ताह दक्षिण और पूर्वोत्तर में मानसून रहेगा मेहरबान

Edited By shukdev,Updated: 06 Oct, 2019 07:22 PM

monsoon will be kind to the south and northeast this week

पिछले तीन महीने से सक्रिय दक्षिण पश्चिम मानसून की बारिश की कमी को महसूस कर रहे उत्तर और मध्य भारत के इलाकों में बीते सप्ताह मानसून मेहरबान रहा। एक से छह अक्टूबर के दौरान जम्मू कश्मीर से लेकर राजस्थान तक लगभग सभी राज्यों में सामान्य से काफी अधिक...

नई दिल्ली: पिछले तीन महीने से सक्रिय दक्षिण पश्चिम मानसून की बारिश की कमी को महसूस कर रहे उत्तर और मध्य भारत के इलाकों में बीते सप्ताह मानसून मेहरबान रहा। एक से छह अक्टूबर के दौरान जम्मू कश्मीर से लेकर राजस्थान तक लगभग सभी राज्यों में सामान्य से काफी अधिक बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले एक सप्ताह में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, दिल्ली और राजस्थान सहित नौ राज्यों में सामान्य से बहुत अधिक, उत्तर प्रदेश सहित तीन राज्यों में सामान्य से अधिक तथा हरियाणा में सामान्य बारिश हुई। 

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उल्लेखनीय है कि उत्तर और मध्य क्षेत्र के ये राज्य जून से सितबंर के दौरान सामान्य या सामान्य से कम बारिश के दायरे में थे। पिछले सप्ताह दक्षिण और पूर्वोत्तर के राज्यों में बारिश की कमी दर्ज किए जाने के बाद विभाग ने अगले सप्ताह दक्षिण पश्चिम मानसून की संभावित वापसी शुरु होने से पहले दस अक्टूबर तक दक्षिण और पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। विभाग ने अक्टूबर के पहले सप्ताह में राष्ट्रीय स्तर पर मानसून की सामान्य बारिश का स्तर 22.5 मिमी रहने का अनुमान व्यक्त किया था, लेकिन पूरे देश में इस अवधि में 22.1 मिमी (अनुमानित सामान्य स्तर से दो प्रतिशत कम) बारिश हुई। इस दौरान 11 राज्यों में सामान्य से कम और आठ राज्यों में सामान्य से बहुत कम बरिश हुई। 

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बारिश की कमी वाले राज्यों में दक्षिण और पूर्वोत्तर के राज्य शामिल हैं। विभाग ने अगले सप्ताह के लिये जारी पूर्वानुमान के तहत दस अक्टूबर तक मध्य महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों, कर्नाटक, केरल, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के कुछ इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। जबकि छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना के कुछ इलाकों में च्रकवाती हवाओं के साथ बारिश की आशंका व्यक्त की है। उल्लेखनीय है विभाग ने विलंबित चल रहे दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी पूर्वी राजस्थान से दस अक्टूबर के बाद शुरु होने की संभावना जताई है। 

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मौसम संबंधी मानकों के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मानसून की हर साल वापसी पश्चिमी राजस्थान से शुरू होती है। इसके लिए कम से कम पांच दिन तक बारिश नहीं होना अनिवार्य शर्त है। इसके मुताबिक अगले पांच दिनों तक उत्तरी क्षेत्र में बारिश नहीं होने पर मौसम विभाग दस अक्टूबर के बाद मानसून की वापसी शुरू होने की आधिकारिक घोषणा कर सकेगा। आधिकारिक तौर पर दक्षिण पश्चिम मानसून केरल तट से दस्तक देने के बाद भारत में एक जून से 31 अगस्त तक सक्रिय रहता है। इसकी वापसी एक सितंबर से पश्चिमी राजस्थान से शुरू होती है और 30 सितंबर तक इसकी पूरे देश से वापसी हो जाती है। 

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पिछले साल भी विलंबित रहने के कारण मानसून की वापसी अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से शुरू हुई थी। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मानसून के विलंबित होने में अल नीनो के प्रभाव की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। जून में अल नीनो के कारण भारत में मानसून की गति धीमी पड़ने की वजह से उत्तरी राज्यों में मानसून के शुरुआती चरण में काफी कम बारिश दर्ज की गई।

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