Edited By Pardeep,Updated: 16 Oct, 2020 05:13 AM
सुरक्षा बलों में एक लाख से अधिक पद खाली पड़े हैं लेकिन भर्ती की प्रक्रिया बहुत धीमी रफ्तार से चल रही है। गृह मंत्रालय के तहत सुरक्षा बलों के लगभग 55,000 पदों के लिए लिखित तथा फिजिकल परीक्षा होने के बावजूद 2 साल से भर्ती प्रक्रिया धीमी है। इस दौरान...
नई दिल्लीः सुरक्षा बलों में एक लाख से अधिक पद खाली पड़े हैं लेकिन भर्ती की प्रक्रिया बहुत धीमी रफ्तार से चल रही है। गृह मंत्रालय के तहत सुरक्षा बलों के लगभग 55,000 पदों के लिए लिखित तथा फिजिकल परीक्षा होने के बावजूद 2 साल से भर्ती प्रक्रिया धीमी है। इस दौरान खाली पदों की संख्या बढ़कर एक लाख से अधिक हो चुकी है।
अर्धसैनिक बलों से जुड़े संगठन कन्फैडरेशन ऑफ पैरामिलिट्री फोर्स का कहना है कि अगस्त 2018 में लगभग 54,953 पदों के विज्ञापन के साथ भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। इनमें 47,307 पद पुरुष तथा 7,646 पद महिलाओं के लिए थे। इन पदों के लिए लिखित व फिजिकल परीक्षा भी आयोजित की गई लेकिन 2 साल बाद भी भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। इस बीच कई योग्य अभ्यर्थी अधिकतम आयु की सीमा पार करने के कारण छूट जाएंगे। इस बीच खाली पदों की संख्या बढ़ती जा रही है। नियुक्ति में हो रही इस देरी का मामला गृह मंत्रालय तथा प्रधानमंत्री कार्यालय के सामने उठाया गया है।
नियुक्तियों में गृह मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि भर्ती प्रक्रिया अपने अंतिम दौर में है और भर्ती के लिए आवश्यक मैडीकल परीक्षण की प्रक्रिया चल रही है। मंत्रालय के तहत 60,210 कांस्टेबल, 2534 सब-इंस्पैक्टर तथा संघ लोक सेवा आयोग के माध्यम से कमांडैंट के 330 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। पिछले 2 साल से अधिक समय से सुस्त रफ्तार से चल रही भर्ती प्रक्रिया के दौरान अर्धसैनिक बलों में खाली पदों की संख्या बढ़कर 1.11 लाख से अधिक हो चुकी है।
गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने हाल ही में संसद में इसे स्वीकार भी किया। उन्होंने जानकारी दी कि एक सितम्बर तक सी.आर.पी.एफ. में 26506, बी.एस.एफ. में 28926, सी.आई.एस.एफ. में 23906, एस.एस.बी. में 18643, आई.टी.बी.पी. में 5784 तथा असम राइफल्स में 7328 पद रिक्त हो चुके थे। ये पद सेवानिवृत्ति, इस्तीफे, मृत्यु, नई इकाइयों की स्थापना तथा काडर समीक्षा के कारण खाली हुए हैं।