Edited By Yaspal,Updated: 14 Mar, 2021 08:31 PM
पिछले साल 22 मार्च से 31 दिसंबर के बीच दिल्ली में विभिन्न समूहों और संगठनों द्वारा कुल 303 विरोध प्रदर्शन किए गए। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, पिछले साल सरकार द्वारा लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील देने के बाद 255...
नई दिल्लीः पिछले साल 22 मार्च से 31 दिसंबर के बीच दिल्ली में विभिन्न समूहों और संगठनों द्वारा कुल 303 विरोध प्रदर्शन किए गए। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, पिछले साल सरकार द्वारा लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील देने के बाद 255 प्रदर्शन, 32 धरने, 13 रैलियां और तीन हड़ताल हुईं। पुलिस ने कहा कि 22 मार्च, 2020 से 31 दिसंबर, 2020 तक के लगभग 284 दिन का डेटा तैयार किया गया है, जिसके अनुसार, लगभग एक विरोध प्रदर्शन हर रोज आयोजित किया गया था।
पुलिस के अनुसार, पिछले साल हुए कुछ प्रदर्शनों में अगस्त में हुआ एक विरोध प्रदर्शन शामिल है, जब केंद्रीय व्यापार संघों के सदस्य दिल्ली पुलिस द्वारा आशा कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के बाद अनलॉक-3 दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए यहां जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए थे। सितंबर में, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के सदस्य पड़ोसी देश में एक सिख लड़की के कथित अपहरण के विरोध में पाकिस्तान उच्चायोग के पास प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए थे।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 22 वर्षीय एक सिख लड़की के लापता होने के बाद विरोध प्रदर्शन किया गया था। दो अक्टूबर को नागरिक समाज के कार्यकर्ता, छात्र, महिलाएं और विभिन्न राजनीतिक संगठनों के सदस्य हाथरस सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले की पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए यहां जंतर मंतर पर एकत्र हुए थे।
बॉलीवुड की हस्तियों और राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था। पिछले साल अक्टूबर में, उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित कुछ अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपने लंबित वेतन को लेकर जंतर मंतर पर एक संयुक्त विरोध प्रदर्शन किया था।