Edited By Yaspal,Updated: 21 Nov, 2018 08:39 PM
देश भर में कई बैंक धीरे-धीरे अपने एटीएम की संख्या को घटा रहे हैं। अगर एटीएम ऐसे ही बंद होते रहे तो देश में मार्च 2019 तक इनकी संख्या आधी रह...
बिजनेस डेस्कः देश भर में कई बैंक धीरे-धीरे अपने एटीएम की संख्या को घटा रहे हैं। अगर एटीएम ऐसे ही बंद होते रहे तो देश में मार्च 2019 तक इनकी संख्या आधी रह जाएगी। अगर एटीएम बंद होते हैं तो फिर देश में एक बार फिर नोटबंदी जैसा माहौल बन जाएगा। देश में इस वक्त कुल 2.38 लाख एटीएम काम कर रहे हैं।
कैटमी ने क्या कहा?
एटीएम संचालक कंपनी कंफेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री (कैटमी) ने बताया कि एटीएम बंद होने से हजारों लोगों की नौकरी तो जाएगी ही। साथ ही सरकार के वित्तीय समावेशन करने के इरादे को बड़ा धक्का लगेगा। एटीएम सेवा देने वाली कंपनियों को मार्च 2019 तक 1.13 लाक एटीएम बंद करने पड़ सकते हैं। इसमें 1 लाख ऑफसाइट एटीएम और 15 हजार व्हाइट लेबल एटीएम हैं।
ATM संचालन में क्या आ रही है परेशानी
कैटमी ने कहा कि एटीएम कंपनियां धीरे-धीरे इनकी संख्या में कर रही हैं, क्योंकि इनको चलाने में घाटा हो रहा है। अभी फिलहाल छोटे शहरों में एटीएम को बंद किया जा रहा है। ऐसे में एटीएम बंद होने से इन शहरों में नोटबंदी जैसे हालात पैदा हो जाएंगे। सबसे ज्यादा नुकसान व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर्स को हो रहा है और ये अतिरिक्त घाटा नहीं उठा सकते हैं। इनके लिए एटीएम इंटरचेंज ही आय का साधन है। ये स्थिर हैं। कॉन्फिडरेन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री के मुताबिक, अगर बैकों ने उनकी लागत की भरपाई नहीं की, तो बड़े पैमाने पर कॉन्ट्रैक्ट सरेंडर होंगे, इस कारण कई एटीएम बंद हो जाएंगे।
किसको सबसे ज्यादा नुकसान
सबसे ज्यादा नुकसान व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर्स को हो रहा है और ये अतिरिक्त घाटा नहीं उठा सकते हैं। इनके लिए एटीएम इंटरचेंज ही आय का साधन है। ये स्थिर है। कॉन्फिडरेन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री के मुताबिक अगर बैंकों ने उनकी लागत की भरपाई नहीं की तो बड़े पैमाने पर कॉन्ट्रैक्ट सरेंडर होंगे इस कारण कई एटीएम बंद हो जाएंगे।