Edited By vasudha,Updated: 30 Nov, 2020 12:20 PM
देश को आजाद हुए भले ही कई साल हो गए हों लेकिन लोगों की सोच आज भी नहीं बदली है। लड़के-लड़की में भेदभाव का चलन अभी भी कई जगह चल रहा है। आज भी लड़कियों को बोझ समझा जाता है, जिसका एक उदाहरण महाराष्ट्र के बारामती मेें देखने को मिला। यहां एक मां ने अपनी...
नेशनल डेस्क: देश को आजाद हुए भले ही कई साल हो गए हों लेकिन लोगों की सोच आज भी नहीं बदली है। लड़के-लड़की में भेदभाव का चलन अभी भी कई जगह चल रहा है। आज भी लड़कियों को बोझ समझा जाता है, जिसका एक उदाहरण महाराष्ट्र के बारामती मेें देखने को मिला। यहां एक मां ने अपनी संतान को ही इसलिए मार दिया क्योंकि वह तीसरी बेटी नहीं चाहती थी।
बेटा चाहती थी महिला
यह दर्दनाक घटना का गवाह बना है महाराष्ट्र का बारामती। यहां की रहने वाली एक महिला के करीब ने डेढ़ महीने पहले बच्ची को जन्म दिया था। उसके पहले भी दो बेटियां थी, इसलिए वह इस बार बेटे की उम्मीद कर रही थी। इच्छा पुरी नहीं होने पर वह इस कदर निराश हुई कि उसने अपनी ही बेटी की मारने की योजना बना ली।
महिला के खिलाफ मामला दर्ज
महिला ने घटना के दिन डेढ़ माह की मासूम को पानी में डूबा दिया, जिससे मासूम की मौके पर ही मौत हो गई। महिला ने अपना आरोप कबूलते हुए कहा कि उसने अपनी बच्ची को पानी में इसलिए डुबोकर मार दिया क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि उसे तीसरी बेटी हो। ग्रामीण पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।