Edited By Anil dev,Updated: 12 Jan, 2019 11:09 AM
मुंबई की दूसरी जीवन रेखा समझी जाने वाली (बेस्ट) बस कर्मियों की हड़ताल का शिव सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के दखल के बावजूद भी कोई हल नहीं निकला और यह गुरुवार को चौथे दिन भी जारी रही। सूत्रों के अनुसार पिछले 10 वर्ष में बेस्ट की यह सबसे लंबी एवं व्यापक...
मुंबई: मुंबई की दूसरी जीवन रेखा समझी जाने वाली (बेस्ट) बस कर्मियों की हड़ताल का शिव सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के दखल के बावजूद भी कोई हल नहीं निकला और यह गुरुवार को चौथे दिन भी जारी रही। सूत्रों के अनुसार पिछले 10 वर्ष में बेस्ट की यह सबसे लंबी एवं व्यापक हड़ताल है। मुंबई के लोग बस सेवा नहीं होने के कारण पिछले चार दिन से परेशान हैं। वर्ष 1997 में बेस्ट-बस की हडताल तीन दिन तक चली थी। गुरुवार को दो बजे हुई बैठक में उद्धव ठाकरे, कृति समिति के नेता सुरेन्द्र बागडे और बीएमसी आयुक्त अजोय मेहता ने हिस्सा लिया था लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला।
समस्या को सुलझाने के लिए बेस्ट कामगार संगठन के नेता शशांक राव और महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर के बीच लगभग सात घंटे तक बातचीत हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। संगठन के नेता ने कहा कि महापौर ने कोई प्रस्ताव भी नहीं दिया जिससे हमारी मांगे पूरी हों, इसलिए कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल जारी रखी है। कुछ मांगों पर सामान्य समझौता हुआ। बीएमसी लिखित में कोई भी वादा नहीं करना चाहती। बीएमसी आयुक्त ने लिखित में कोई आश्वासन नहीं दिया, इसलिए हड़ताल जारी है।
बस हड़ताल के समर्थन में बेस्ट की बिजली विभाग के कर्मचारी भी कल से हड़ताल पर हैं। इस विभाग के लगभग 50 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी काम पर नहीं आये। राव ने कहा कि बीएमसी आयुक्त अजोय मेहता ने बेस्ट और बीएमसी बजट को विलय करने की प्रमुख प्राथमिक मांग को भी नहीं माना। हड़ताली कर्मचारी आज शाम अपनी बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे। उनका कहना है कि बोनस, पूर्व कर्मचारियों को ग्रेचुय्टी समेत अन्य मांगों के संबंध में कोई कदम नहीं उठाया गया।