कहते हैं कि यदि कुछ करने की चाह हो तो उसकी राह अपने आप ही मिल जाती है यानि जहां चाह, वहां राह। कुछ ऐसी ही कहानी मुंबई में रहने वाले गौरव लोंढ़े की भी है। वो एक पिज्जा कंपनी में काम करते थे। उसमें पहले डिलीवरी बॉय थे, अपनी मेहनत के दम पर फिर प्रमोट होते-होते मैनेजर बन गए। 32 हजार रुपए सैलरी मिलती थी।
नई दिल्ली: कहते हैं कि यदि कुछ करने की चाह हो तो उसकी राह अपने आप ही मिल जाती है यानि जहां चाह, वहां राह। कुछ ऐसी ही कहानी मुंबई में रहने वाले गौरव लोंढ़े की भी है। वो एक पिज्जा कंपनी में काम करते थे। उसमें पहले डिलीवरी बॉय थे, अपनी मेहनत के दम पर फिर प्रमोट होते-होते मैनेजर बन गए। 32 हजार रुपए सैलरी मिलती थी। लेकिन इसके बावजूद भी गौरव के मन में अपना कुछ करने का ख्याल हमेशा चलता रहा। घरवालों के लाख समझाने के बाद भी गौरव नहीं मानें और एक दिन नौकरी नौकरी छोड़ वड़ा पाव बेचना शुरू कर दिया। आईए देखते हैं ये खास रिपोर्ट।
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