Edited By Seema Sharma,Updated: 10 May, 2018 11:16 AM
मुंबई पुलिस के एक कांस्टेबल ने पिछले दो महीने से वेतन न मिलने की बात कहते हुए ‘वर्दी पहनकर भीख मांगने’ की मंजूरी मांगी है। उसका कहना है कि वेतन न मिलने के कारण वह अपने परिवार का गुजर बसर कर पाने में असमर्थ है। अपने विभाग के वरिष्ठों, पुलिस आयुक्त...
मुंबई: मुंबई पुलिस के एक कांस्टेबल ने पिछले दो महीने से वेतन न मिलने की बात कहते हुए ‘वर्दी पहनकर भीख मांगने’ की मंजूरी मांगी है। उसका कहना है कि वेतन न मिलने के कारण वह अपने परिवार का गुजर बसर कर पाने में असमर्थ है। अपने विभाग के वरिष्ठों, पुलिस आयुक्त दत्ता पदसालगिकर और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नाम लिखे पत्र में कांस्टेबल दन्यनेश्वर अहीरराव ने अपनी बीमार पत्नी की देखभाल तथा घरेलू खर्च निकालने के लिए भीख मांगने की मंजूरी देने को कहा।
स्थानीय शस्त्र इकाई से संबद्ध अहीरराव ने पत्र में लिखा कि उसने 20 मार्च से 22 मार्च के बीच छुट्टी ली थी। लेकिन पत्नी का पैर टूटने के कारण वह छुट्टी खत्म होने पर काम के लिए नहीं पहुंचा। उद्धव ठाकरे के घर ‘मातोश्री’ की सुरक्षा में लगे दल में तैनात अहीरराव ने दावा किया कि उसने अपने इकाई के प्रभारी को पांच दिन की आपात छुट्टी लेने की जानकारी दी थी और पत्नी के इलाज के बाद 28 मार्च को काम पर लौट आया। लेकिन इसके बाद उसका वेतन रोक दिया गया और इस संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई।
कांस्टेबल ने पत्र में लिखा, ‘‘मुझे अपनी बीमार पत्नी की देखभाल करनी होती है, बुजुर्ग माता-पिता और एक बेटी का गुजर-बसर करना होता है। इसके अलावा मुझे कर्ज की मासिक किश्त देनी होती है। लेकिन जब से वेतन रोका गया है, मैं इन खर्चों का वहन करने में असमर्थ हूं। इसलिए मैं आपसे वर्दी पहनकर भीख मांगने की मंजूरी चाहता हूं।’’ अहीरराव से और जानकारी के लिए संपर्क नहीं किया जा सका। संपर्क किए जाने पर स्थानीय शस्त्र इकाई के पुलिस उपायुक्त वसंत जाधव ने कहा, ‘‘मामला प्रशासनिक विभाग के अधीन आता है। मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता।’’