ब्रेन डेड महिला ने 5 लोगों की जिंदगियां रोशन कीं...लंग्स समेत किया अन्य अंगों का दान

Edited By Anu Malhotra,Updated: 13 Aug, 2024 07:59 AM

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आज विश्व अंगदान दिवस के मौके पर खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले की मुन्नी गोसाई ने अपने जीवन का अंतिम उपहार देकर 5 लोगों की जिंदगियां रोशन कीं। डॉक्टरों द्वारा उन्हें ब्रेन डेड घोषित किए जाने के बाद, उनके परिवार ने उनकी इच्छा के अनुसार उनके अंगों का दान...

नेशनल डेस्क:  आज विश्व अंगदान दिवस के मौके पर खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले की मुन्नी गोसाई ने अपने जीवन का अंतिम उपहार देकर 5 लोगों की जिंदगियां रोशन कीं। डॉक्टरों द्वारा उन्हें ब्रेन डेड घोषित किए जाने के बाद, उनके परिवार ने उनकी इच्छा के अनुसार उनके अंगों का दान करने का फैसला किया।

मुन्नी गोसाई के अंगदान में उनकी एक किडनी एम्स, दूसरी किडनी और लिवर रामकृष्ण अस्पताल के मरीज को, जबकि उनकी आंखें आंबेडकर स्मृति चिकित्सालय को सौंपी गईं। उनके फेफड़े पुणे की 45 वर्षीय महिला को भेजे गए, जो छत्तीसगढ़ राज्य का पहला लंग्स डोनेशन है। इस तरह मुन्नी गोसाई ने 5 लोगों की जिंदगियां रोशन की।

मुन्नी के बेटे प्रकाश ने बताया, "पापा (राजकुमार) की तबीयत ठीक नहीं थी और मां इस सदमे के कारण डिप्रेशन में चली गईं। इसके कारण उनका बीपी और शुगर बढ़ गया। उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी, लेकिन गंडई में वेंटिलेटर की सुविधा नहीं थी। 10 अगस्त को हमने मां को एंबुलेंस से रायपुर लाया। उसी दिन सुबह मां ने कहा, 'बेटा, मैं नहीं बच पाऊंगी।' डॉक्टरों ने भी कहा कि स्थिति में सुधार संभव नहीं है और उन्हें घर ले जाने की सलाह दी। 11 अगस्त को उनका एपनिया टेस्ट हुआ, जिसके बाद उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। मां हमेशा कहती थीं कि मरने के बाद उनके अंग दान कर दिए जाएं, ताकि दूसरों की जिंदगियां संवर सकें। उनकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए हमने यह फैसला लिया।"

12 अगस्त की सुबह, आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद डॉक्टरों ने मुन्नी गोसाई के अंगों को निकालने का निर्णय लिया। अंगों के दान की प्रक्रिया के तहत, क्षेत्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) को सूचित किया गया। इसके बाद, डॉ डीवाई हॉस्पिटल पिम्परी पुणे की 45 वर्षीय महिला को लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए चुना गया। सोमवार की सुबह, डॉक्टरों की टीम ने अंगदान की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया और ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से उनके लंग्स को एयर एम्बुलेंस से पुणे भेजा गया। मुन्नी गोसाई की यह अंतिम इच्छा उनके परिवार और समाज के लिए एक प्रेरणा बन गई है।
 

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