Edited By Tanuja,Updated: 24 Apr, 2021 06:12 PM
पाकिस्तान का भारत विरोधी एक और नया घिनौना चेहरा सामने आया है । पाकिस्तान का भारत विरोधी प्रचार तंत्र अब सिखों की आड़ में एक ऐसे मुसलमान को पेश कर रहा है ...
इंटरनेशनल डेस्कः पाकिस्तान का एक बार फिर भारत विरोधी घिनौना चेहरा सामने आया है। पाकिस्तान का भारत विरोधी प्रचार तंत्र अब सिखों की आड़ में ऐसे मुसलमान को पेश कर रहा है जो सिख समुदाय को फ्रांसीसी लोगों के खिलाफ भड़का रहा है । इस मुसलमान तथाकथित सिख युवक ने सिखों को इस्लामवादी कार्यकर्ताओं से हाथ मिलाने और पैगंबर मोहम्मद के कैरिकेचर के प्रकाशन के विरोध में फ्रांसीसी उत्पादों का बहिष्कार करने का आह्वान किया है।
शुक्रवार को सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए एक वीडियो संदेश में दाढ़ी वाला नीला पगड़ी पहने यह मुस्लिम व्यक्ति असलम अलैकुम और सतश्री अकाल में अभिवादन करते हुए खुद को सरदार के रूप में पेश कर रहा है। वीडियो में इस आदमी को यह कहते हुए सुना जाता है कि वह कुछ शॉपिंग मॉल में गए थे जहाँ उन्होंने फ्रांसीसी उत्पादों से जुड़े बहिष्कार ’के लेबल देखे । उसने कहा कि यह बहिष्कार करने का तरीका नहीं है, हमें फ्रांस के उत्पादों को सड़कों पर फेंक देना चाहिए।
खुफिया सूत्रों ने बताया कि इस उकसाने वाले वीडियो में दिख रहा सरदार खुद को क़ासिम डोगर सिंह कहता है और पाकिस्तान के खालिस्तानी समर्थक नेता गोपाल सिंह चावला का समर्थक है । इस वीडियो सिखों के साथ-साथ फ्रांस के अन्य लोगों के खिलाफ भी उकसाने के लिए क़ास्म "गुस्ताख ए रसूल के इको ही साजा, सर दार जुदा (केवल पैगंबर की निन्दा के लिए सजा शरीर से अलग कर रहा है) का नारा लगा रहा है"। सूत्रों के अनुसार संभावना है कि ISI द्वारा भारत विरोधी प्रचार को आगे बढ़ाने के लिए चावला इस साजिश में शामिल में हो सकता है ।
पाकिस्तान एसजीपीसी के अध्यक्ष सतवंत सिंह ने कासिम की बात पर जोर देते हुए शुक्रवार को लाहौर से फोन पर कहा कि जिसने भी पैगंबर का अपमान करने की कोशिश की वह निंदनीय है और वह क़ासिम जो बेशक सिख नहीं है, के फ्रांसीसी उत्पादों के बहिष्कार के आह्वान का समर्थन करते हैं । बता दें कि पिछले दिनों में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन द्वारा पैगंबर मोहम्मद के कैरिकेचर के प्रकाशन का बचाव करने और इस्लामवादी अलगाव से लड़ने का संकल्प लेने के बाद पाकिस्तान में फ्रांस के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। 12 अप्रैल को इस्लामवादी संस्था तेहेरेक-ए-लबैक पाकिस्तान के कार्यकर्ताओं के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के कारण पाकिस्तान यात्रा पर गए भारतीय सिख जत्थे को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा था।