Edited By shukdev,Updated: 11 Oct, 2018 06:29 PM
सुप्रीम कोर्ट के सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के निर्णय के बाद मुस्लिम महिलाएं भी कोर्ट जाने की तैयारी कर रही हैं। केरल का एक मुस्लिम महिला अधिकार संगठन देशभर की सभी मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश को लेकर...
तिरुवनंतपुरम: सुप्रीम कोर्ट के सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के निर्णय के बाद मुस्लिम महिलाएं भी कोर्ट जाने की तैयारी कर रही हैं। केरल का एक मुस्लिम महिला अधिकार संगठन देशभर की सभी मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश को लेकर तैयारी कर रहा है। प्रगतिशील महिला मंच, एनआईएसए जल्द ही सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा। यह संगठन न केवल मस्जिदों में महिलाओं को इबादत करने के लिए प्रवेश दिए जाने की मांग करेगा बल्कि उन्हें ‘इमामों’ के रूप में नियुक्त किए जाने के लिए भी लड़ाई लड़ेगा।
एनआईएसए की अध्यक्ष वी पी जुहरा ने कहा कि इस बात का कोई साक्ष्य नहीं है कि पवित्र कुरान और पैगम्बर मोहम्मद ने मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश और इबादत करने का विरोध किया था। उन्होंने सबरीमला में भगवान अयप्पा मंदिर में महिलाओं पर लगे प्रतिबंध को हटाए जाने संबंधी शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत किया और इसे ‘ऐतिहासिक’ बताया।
जुहरा ने कहा कि इस संबंध में वकील के साथ विचार-विमर्श किया जा रहा है और जल्द ही एक याचिका उच्चतम न्यायालय में दायर की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बात के रिकार्ड हैं कि पैंगम्बर मोहम्मद ने खुद अपनी पत्नी को मस्जिद में जाने की अनुमति दी थी। एनआईएसए ने हाल में सुप्रीम कोर्ट का रुख करके मुस्लिम महिलाओं के लिए संपत्ति में समान अधिकार की मांग की थी।