Edited By Yaspal,Updated: 13 Jun, 2018 11:43 PM
कोझिकोड़ जिले के एक मुसलमान युवक ने केरल हाईकोर्ट में अपनी पत्नी को उसके माता-पिता से मुक्त कराने की अपील की है। युवक ने अपनी याचिका में कहा है कि उसकी पत्नी जन्म से हिंदू थी, लेकिन उसने इस्लाम स्वीकार कर लिया है।
नेशनल डेस्कः कोझिकोड़ जिले के एक मुसलमान युवक ने केरल हाईकोर्ट में अपनी पत्नी को उसके माता-पिता से मुक्त कराने की अपील की है। युवक ने अपनी याचिका में कहा है कि उसकी पत्नी जन्म से हिंदू थी, लेकिन उसने इस्लाम स्वीकार कर लिया है।
न्यायमूर्ति वी. चिताम्बरेश और न्यायमूर्ति के.पी ज्योतिन्द्रनाथ की पीठ ने फैसल महमूद की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए बेंगलुरू में रहने वाली लड़की के पिता को नोटिस जारी किया है।
महमूद ने बताया कि वह बेंगलुरू में होटल लाइन में काम करता था। तभी दोनों को प्यार हो गया, करीब दो साल के रिलेशन के बाद युवती ने इस्लाम स्वीकार कर लिया और निकाह करके कोझिकोड़ में रहने लगी।
हालांकि लड़की के पिता और रिश्तेदारों के दबाव में कोझिकोड़ पुलिस ने उनसे जबरन सादे स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर करवाया और दोनों को बेंगलुरू पुलिस को सौंप दिया। बाद में बेंगलुरू पुलिस ने युवती को उसके मां-बाप को सौंप दिया। युवक ने आरोप लगया है कि 28 मार्च से दो अप्रैल के बीच उसे शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया।
युवक का आरोप है कि 29 मई को उसे उसे अपनी पत्नी को भूलने का धमकी भरा फोन भी आया और अगर ऐसा नहीं किया तो जान से मारने की धमकी दी गई। उसका कहना है कि 5 जून को दोबारा ऐसी ही धमकी मिली है।