Edited By Monika Jamwal,Updated: 21 Jan, 2019 03:41 PM
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि मुस्लिम आदिवासी समुदायों जैसे गुज्जर-बकरवाल को राज्यपाल प्रशासन के तहत गोजातीय तस्करी के नाम पर परेशान और सर्दियों के महीनों में जम्मू में उनके घरों से बेदखल किया जा रहा है।
श्रीनगर (मजीद) : पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि मुस्लिम आदिवासी समुदायों जैसे गुज्जर-बकरवाल को राज्यपाल प्रशासन के तहत गोजातीय तस्करी के नाम पर परेशान और सर्दियों के महीनों में जम्मू में उनके घरों से बेदखल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जम्मू में मुसलमान असुरक्षित महसूस कर रहे है। उन्होंने आरोप लगाया कि कट्टरपंथी तत्वों द्वारा समुदाय को खासतौर से निशाना बनाया जा रहा है।
श्रीनगर के गुफ्कार रोड स्थित अपने निवास पर प्रेस कांफ्रैंस को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होने एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि जब तक वन अधिनियम लागू नहीं होगा तब तक गुज्जर-बकरवाल का उत्पीडऩ कम नहीं होगा। हमें राज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन से समान व्यवहार की उम्मीद है ताकि किसी को भी परेशान नहीं किया जाए, लेकिन दुर्भाग्य से राज्यपाल के नाक के नीचे इस बार गुज्जर-बकरवाल को चयनित तौर पर निशाना बनाया जा रहा है।
महबूबा मुफ्ती जो पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पी.डी.पी.) अध्यक्ष भी हैं ने कहा कि पिछले साल उनकी पी.डी.पी.-भाजपा सरकार गिरने के बाद इन समुदायों के दर्जनों परिवारों को जुलाई में अपने घरों को खाली करने के लिए चुनिंदा नोटिस दिए गए। उन्होंने कहा कि मैं जब जम्मू में थी, मैं राज्यपाल के पास गई और उन्हें इसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि फिलहाल खासतौर से सर्दियों के महीनों में उन्हें परेशान नहीं किया जाएगा लेकिन दुर्भाग्य से इन लोगों के साथ ज्यादती हो रही है। जैसे कि आप जानते हैं कि यह लोग बकरियों और भेड़ों को पालते हैं और गोजातीय तस्करी के नाम पर उन्हें परेशान किया जा रहा है।
महबूबा ने कहा कि जम्मू पिछले कई दशकों से कई संस्कृतियों का संगम रहा हैं लेकिन इस क्षेत्र में प्रचलित मित्रता को कुछ कट्टरपंथी तत्वों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। जम्मू में कुछ कट्टरपंथी तत्व जैसे एक झूठ महा आदिवंश, जम्मू बचाव क्रूसेड है, वह कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं जिसमें वह दावा कर रहे हैं कि यह मुसलमान और आदिवासी बाहरी हैं। लेकिन वास्तव में गुज्जर-बकरवाल इस क्षेत्र के मूल निवासी हैं जो 1947 से यहां रह रहे हैं। अगर कोई जम्मू का मूल निवासी है तो वह गुज्जर-बकरवाल हैं।