Edited By shukdev,Updated: 15 Jan, 2019 10:27 PM
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पहली बार स्वीकार किया कि वर्ष 2013 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ 17 साल पुराना गठबंधन तोडऩे के पीछे उस समय प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनाए गए नरेन्द्र मोदी को लेकर उनकी आशंकाएं थी लेकिन वह सही...
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पहली बार स्वीकार किया कि वर्ष 2013 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ 17 साल पुराना गठबंधन तोडऩे के पीछे उस समय प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनाए गए नरेन्द्र मोदी को लेकर उनकी आशंकाएं थी लेकिन वह सही साबित नहीं हुई।
कुमार से जब यह पूछा गया कि नरेन्द्र मोदी की साम्प्रदायिक छवि के कारण वर्ष 2013 में उनकी पार्टी भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) से अलग हो गई और अब ऐसा क्या हुआ कि उनकी पार्टी फिर से उसके साथ हो गई, इसपर उन्होंने कहा कि उस समय की परिस्थिति अलग थी और उस समय मोदी को लेकर उन्हें आशंकाएं थी लेकिन वह सही साबित नहीं हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी का भाजपा के साथ काफी लंबे समय से गठबंधन रहा है । वर्ष 2013 में भाजपा से अलग होने का फैसला उस समय की परिस्थिति के अनुसार लिया था इसलिए उस फैसले को गलत कहना ठीक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी वर्ष 1996 में जब राजग के साथ थी उस समय भी धारा 370, राम मंदिर तथा समान नागरिक संहिता पर उनकी पार्टी और भाजपा के विचार भिन्न थे, आज भी है लेकिन दोनों पार्टियां बिहार के विकास के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत एक साथ हुई।