Edited By shukdev,Updated: 12 Feb, 2019 05:45 PM
सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव और जांच एजेंसी के कानूनी सलाहकार एस भासुराम अवमानना के लिए दिनभर अदालत में बैठने की सजा काटकर अदालतीकक्ष से चले गए। शीर्ष अदालत ने बिहार आश्रय स्थल यौन उत्पीडऩ मामलों की जांच कर रहे सीबीआई के संयुक्त...
नई दिल्ली: सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव और जांच एजेंसी के कानूनी सलाहकार एस भासुराम अवमानना के लिए दिनभर अदालत में बैठने की सजा काटकर अदालतीकक्ष से चले गए। शीर्ष अदालत ने बिहार आश्रय स्थल यौन उत्पीडऩ मामलों की जांच कर रहे सीबीआई के संयुक्त निदेशक ए के शर्मा का स्थानान्तरण करके उसके आदेश की जानबूझकर अवज्ञा करने पर उन्हें अवमानना का दोषी ठहराया था। शर्मा को 17 जनवरी को सीआरपीएफ का अतिरिक्त महानिदेशक बनाया गया था।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने अपराह्न तीन बजकर 40 मिनट पर अवमानना करने वाले अधिकारियों को जाने की अनुमति देने के अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल के दूसरे प्रयास को अस्वीकार कर दिया। पीठ ने सुबह इन अधिकारियों से कहा था, ‘न्यायालय के एक कोने की तरफ जाइए और इस अदालत के उठने तक बैठ जाइए।’ शीर्ष अदालत ने राव को जाने की अनुमति देने के वेणुगोपाल के दूसरे प्रयास पर नाराजगी जताई। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘यह क्या है? क्या आप चाहते हैं कि हम उन्हें कल अदालत के उठने तक की सजा दें? जाइए और जहां बैठे थे वहीं बैठ जाइए।’